विश्व आर्थिक मंच में भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार विषय पर चर्चा के दौरान सरकार के कामकाज को लेकर कानूनमंत्री अश्विनी कुमार तथा बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज आपस में उलझ पड़े।
‘भारत के लिए नई शुरूआत’ विषय पर आयोजित सत्र में वक्ता के रूप में शामिल बजाज ने नीति के संबंध में माहौल को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि ‘सरकार के बावजूद’ उनकी कंपनी वृद्धि करने में समर्थ रही।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहुत साल पहले, दशकों पहले यह तय किया था कि हम ऐसा कोई भी कारोबार नहीं करेंगे जहां हमें सरकार के साथ समझौता करना पड़े। हम विनिर्माण नहीं करते, हम सरकार के लिये कोई चीज नहीं खरीदते, हम मोटरसाइकिल तथा वित्तीय सेवा क्षेत्र में हैं।’’
राज्यसभा सांसद बजाज ने कहा कि कंपनी के पास नकदी होने के बावजूद उनकी कंपनी जानबूझकर बिजली परियोजनाओं, कोयला खानों तथा बुनियादी ढांचा विकास से दूर रही।
बहरहाल, बजाज की ये बातें कुमार के गले नहीं उतरी। उन्होंने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्ष में अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है।
कुमार ने कहा, ‘‘यह सही है कि कोई परिपूर्ण स्थिति नहीं होती और कोई बिल्कुल सटीक समाधान नहीं हो..लेकिन अगर हम नीति के संदर्भ सब कुछ गलत कर रहे हैं तो बजाज आटो कैसे सबसे सफल संगठनों में शामिल होती और पिछले कुछ साल में अच्छा-खासा मुनाफा कमाया होता।’’
कुमार ने सवालिया लहजे में पूछा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि देश में चीजें गलत हो रही हैं, देश में कुछ अच्छा नहीं हो रहा। फिर आखिर हमने 8.2 प्रतिशत वृद्धि कैसे हासिल की।’’ बातें बढ़ती देख इंडियन एक्सप्रेस के मुख्य संपादक तथा सत्र का संचालन कर रहे शेखर गुप्त ने मामले में हस्तक्षेप किया और दोनों वक्ताओं से कहा कि आप इन मुद्दों पर अलग से बातचीत करें।