सरकार चालू तिमाही में सरकारी बैंकों में डालेगी 5,000 करोड़ रुपये

सरकार चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के दौरान सरकारी बैंकों में 5,000 करोड़ रुपये डालेगी, ताकि उनकी बैलेंसशीट दुरुस्त हो।

प्रतीकात्मक चित्र

सरकार चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि के दौरान सरकारी बैंकों में 5,000 करोड़ रुपये डालेगी, ताकि उनकी बैलेंसशीट दुरुस्त हो। वित्तीय सेवा सचिव अजूली छिब दुग्गल ने एक समारोह के मौके पर कहा, जैसा कि पहले कहा गया था चौथी तिमाही में बैंकों धन डाला जाएगा। बैंकों को करीब 5,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। आगामी बजट सत्र में तीसरी अनुपूरक अनुदान मांग की संसद में मंजूरी मिलने के बाद धन डाला जाएगा।

पिछले वर्ष सरकार ने चार साल में सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये डालने के लिए 'इंद्रधनुष' योजना में बदलाव की घोषणा की थी। साथ ही बैंकों को बासेल-3 के वैश्विक जोखिम मानदंड के मुताबिक अपनी पूंजी अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए बाजार से 1.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने होंगे।

बैंकों में धन डालने की रूपरेखा के मुताबिक सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसमें से 20,088 करोड़ रुपये सरकार पहले ही 13 सरकारी बैंकों में डाल चुकी है। इसके अलावा 2017-18 और 2018-19 में 10,000-10,000 करोड़ रुपये डाले जाएंगे।

सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहल के बारे में दुग्गल ने कहा कि बैंकों के आखिरी छोर तक पहुंचने से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग बैंकों के साथ नियमित आधार पर चर्चा कर रहा है, ताकि जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान हो सके। एसबीआई और आंध्रा बैंक जैसे बैंक फिलहाल 800 चिह्नित क्षेत्रों में इंटरनेट संपर्क से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

लेखक Reported by Bhasha
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