विकास का निराशाजनक पहलू, आर्थिक वृद्धि दर पांच फीसदी रहने का अनुमान

चालू वित्तवर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया है, जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा व्यक्त किया गया यह अनुमान सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान से भी काफी कम है।

चालू वित्तवर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान लगाया है, जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है। विनिर्माण, कृषि एवं सेवा क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते वृद्धि दर का अनुमान घटाया गया है।

केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा व्यक्त किया गया यह अनुमान सरकार और रिजर्व बैंक के अनुमान से भी काफी कम है। सीएसओ द्वारा गुरुवार को जारी किए गए अग्रिम अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2012-13 के दौरान जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि बीते वित्तवर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी।

वर्ष 2002.03 में जीडीपी वृद्धि दर चार प्रतिशत रही थी और इसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था छह प्रतिशत से ऊपर की वृद्धि दर से बढ़ती रही है, जिसमें सबसे अधिक 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर 2006-7 में दर्ज की गई थी। सीएसओ के अग्रिम अनुमान में कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटाकर 1.3 प्रतिशत कर दी गई है, जो 2011-12 में 3.6 प्रतिशत थी। वहीं, 2012-13 के लिए विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटाकर 1.9 प्रतिशत कर दी गई, जो बीते वित्तवर्ष में 2.7 प्रतिशत थी।

रिजर्व बैंक ने बीते माह अपनी तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्तवर्ष के लिए 5.5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान जताया। अपनी मध्य वर्षीय आर्थिक समीक्षा में सरकार ने भी वृद्धि दर 5.7 से 5.9 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान जताया। पूरे वित्तवर्ष के लिए पांच प्रतिशत की वृद्धि दर का नवीनतम अनुमान का अर्थ है कि 2012-13 की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि की गति और मंद पड़ गई है। अप्रैल-सितंबर के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही थी।

सीएसओ के अग्रिम अनुमान के मुताबिक, वित्त, बीमा, रीयल एस्टेट और कारोबारी सेवाओं सहित सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्तवर्ष के दौरान 8.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो बीते वित्तवर्ष में 11.7 प्रतिशत रही थी। हालांकि खनन और उत्खनन क्षेत्र की वृद्धि दर थोड़ा बेहतर 0.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि बीते वित्तवर्ष में इसमें 0.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।

वहीं, निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी थोड़ा सुधरकर 5.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो बीते वित्तवर्ष में 5.6 प्रतिशत रही थी। सीएसओ के अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, बिजली, गैस और जल उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो बीते वित्तवर्ष में 6.5 प्रतिशत थी।

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने कहा है कि ये आंकड़े निराशाजनक है। हालांकि उन्होंने कहा कि जब वित्तवर्ष की दूसरी छमाही के और आंकड़े आएंगे तो संभवत: इसमें सुधार दिखेगा।

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 PM Modi NDTV Exclusive: प्रधानमंत्री रिकॉर्ड ऐतिहासिक जीत को लेकर आश्वस्त, कहा- लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए करते हैं काम
2 PM Modi NDTV Exclusive: बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए PM मोदी ने दिया 4-S का मंत्र- Scope, Scale, Speed और Skill
3 स्पेशल ट्रेडिंग सेशन में बाजार में रही हल्की बढ़त, लेकिन FIIs, DIIs ने की बिकवाली
4 10 Years Of PM Modi: 17 साल से अटके GST बिल को मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही लागू किया
5 किर्गिस्तान में विदेशी छात्रों पर हो रहे हमले; भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी