प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को आज एक बड़ा तोहफा मिल सकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ग्रेच्युटी भुगतान कानून (Payment of Gratuity Act) के तहत कर-मुक्त ग्रेच्युटी सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपये करने से जुड़े संशोधन विधेयक के मसौदे पर आज विचार कर सकता है. सिफारिश की गई है कि प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को भी केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही अधिकतम 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिले. कानून में संशोधन के बाद प्राइवेट सेक्टर एंप्लॉयीज़ 20 लाख रुपये तक की टैक्सफ्री ग्रेच्युटी के हकदार हो जाएंगे.
पिछले दिनों श्रम मंत्रालय की बैठक में प्राइवेट कंपनियों के कर्मियों के नौकरी छोड़ने पर 10 लाख रुपये की जगह 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी देने पर सहमति बन गई थी. कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे बजट सत्र के अगले हिस्से में संसद में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा. ध्यान दिला दें कि सातवें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा दस से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश की थी जिसे केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें लागू कर चुकी हैं. श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि संसद में ऐसा विधेयक लाया जाए कि जब भी केंद्रीयकर्मियों की ग्रेच्युटी की राशि में बढ़ोतरी होगी तो निजी क्षेत्र में भी ग्रेच्युटी में अपने आप इजाफा हो.
यह संशोधन विधेयक आय स्तर में वृद्धि को देखते हुए कानून में संशोधन संसद के बजाए सरकारी आदेश के जरिये करने का अधिकार केंद्र सरकार को देने की बात कहता है. सूत्र के हवाले से न्यूज एजेंसी भाषा ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ग्रेच्युटी भुगतान कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक पर बुधवार को विचार कर सकता है.'