अंतरिम बजट में आर्थिक स्थिति के विवरण पर होगी नजर

इस अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में कोई अहम बदलाव किए जाने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन इसमें पेश की जाने वाली राजकोषीय और आर्थिक तस्वीर को लेकर उत्सुकता जरूर है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सोमवार, 17 फरवरी, को अंतरिम बजट पेश करेंगे। हालांकि इस बजट में प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष करों में कोई अहम बदलाव किए जाने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन इसमें पेश की जाने वाली राजकोषीय और आर्थिक तस्वीर को लेकर उत्सुकता जरूर है।

आम चुनाव से पहले के अंतरिम बजट में सरकार वर्ष 2014-15 के लिए आमदनी और खर्चे का एक मोटा अनुमान रखने के साथ-साथ संसद से नए वित्त के पहले चार माह के खर्चे की अनुमति मांगेगी।

अप्रैल-मार्च 2013-14 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.8 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। हालांकि आर्थिक नरमी और बढ़ते सब्सिडी बिल को देखते हुए यह लक्ष्य चुनौती भरा लगता है। चिदंबरम विश्वास जताते आ रहे हैं कि यह घाटा उपर नहीं जाएगा।

विशेषज्ञों के मुताबिक, व्यक्तिगत और कंपनी कर की प्रमुख दरों में किसी तरह के बदलाव की संभावना नहीं है। लेकिन अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में जरूरत दिखने पर थोड़े बहुत ऐसे संशोधन किए जा सकते हैं, जिनमें कानून संशोधन की जरूरत नहीं हो।

चिदंबरम भी ऐसे संकेत दे चुके हैं। उन्होंने संसद के चालू सत्र की पूर्व संध्या पर कहा था कि अंतरिम बजट में, 'हम आयकर अधिनियम या उत्पाद-शुल्क अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव नहीं कर सकते। पर किसी कानून में संशोधन को छोड़ अन्य कोई भी प्रस्ताव किया जा सकता है।'

वित्त मंत्री ने एक सवाल पर कहा था कि 'उत्पाद शुल्क या सेवा कर में कानून में बदलाव के बिना जो कुछ बदलाव करने की जरूरत है वह किया रहा है और और किया जाएगा।'

वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ और चार्टर्ड एकाउंटेंट केके मित्तल के मुताबिक, '2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में उम्मीद से बेहतर राजस्व प्राप्ति से वित्त मंत्री की राह कुछ आसान हुई है, लेकिन सब्सिडी का ऊंचा बिल अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है।'

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 FIIs ने की 1,875 करोड़ रुपये की बिकवाली, सिंगापुर एयरलाइंस की इमरजेंसी लैंडिंग
2 ग्लोबल पोर्ट्स फोरम ने अदाणी पोर्ट्स को किया सम्मानित, बताया सबसे प्रोग्रेसिव बंदरगाह