भारत समेत पूरे विश्व में विषमता बढ़ रही है : लेगार्द

अमेरिका और भारत जैसे दो सबसे बड़े जनतांत्रिक देशों का उल्लेख करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्द ने कहा है कि विश्वभर में आय विषमता खतरनाक तरीके से बढ़ रही है।

अमेरिका और भारत जैसे दो सबसे बड़े जनतांत्रिक देशों का उल्लेख करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्द ने कहा है कि विश्वभर में आय विषमता खतरनाक तरीके से बढ़ रही है।

आईएमएफ द्वारा उपलब्ध कराए गए लेगार्द के लंदन में दिए गए रिचर्ड डिंबलबाय व्याख्यान की एक प्रति के मुताबिक, 'भारत में अरबपतियों का निवल मूल्य पिछले 15 साल में 12 गुना बढ़ा है जो इस साल दो बार गरीबी पूरी तरह मिटाने के लिए काफी होगा।' उन्होंने कहा 'हमें अच्छे से पता है कि ज्यादातर देशों में आय की विषमता बढ़ रही है।' उन्होंने कहा 'विश्व में 10 में से सात लोग आज ऐसे देशों में रह रहे हैं जहां पिछले तीन दशक में विषमता बढ़ी है।' विश्वभर में 85 सबसे अमीर लोगों के पास विश्व की नीचले स्तर की आधी आबादी के बराबर धन है।

अमेरिका में विषमता फिर से उसी स्तर पर आ गई जहां वह 1930 के दशक की मंदी के दौरान थी और 2009 से सिर्फ एक प्रतिशत आबादी का 95 प्रतिशत आय पर कब्जा रहा जबकि 90 प्रतिशत आबादी और गरीब हुई है। लेगार्ड ने इस बात पर अफसोस जताया कि अतीत में अर्थशास्त्रियों ने विषमता की महत्व को कम करके आंका है।

उन्होंने कहा 'उन्होंने वितरण पर ध्यान दिए बिना आर्थिक वृद्धि बढ़ाए जाने को तवज्जो दिया।' क्रिस्टीन ने कहा 'आज हम विषमता से हुए नुकसान के बारे में ज्यादा जानते हैं।' उन्होंने कहा 'सीधी बात यह है कि आय में ऐसी भयानक विषमता से दीर्घकालिक स्तर पर सतत आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित होगी..साथ ही इससे ऐसी अर्थव्यवस्था का विकास होगा जो समावेशी नहीं होगा।'
 

लेखक NDTV Profit Desk
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