शेयर बाजारों के प्रभावी नियमन में भारत वैश्विक रैंकिंग में फिसला

भारतीय पूंजी बाजार सकारात्मक निवेशक रुझान के बल पर भले ही कुलांचे भर रहा हो, लेकिन विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ताजा रपट से पता चलता है कि प्रभावी नियमन के मामले में यह 35 पायदान लुढ़ककर 62वें स्थान पर आ गया।

भारतीय पूंजी बाजार सकारात्मक निवेशक रुझान के बल पर भले ही कुलांचे भर रहा हो, लेकिन विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ताजा रपट से पता चलता है कि प्रभावी नियमन के मामले में यह 35 पायदान लुढ़ककर 62वें स्थान पर आ गया।

शेयर बाजार के प्रभावी नियमन और प्रतिभूति बाजारों की बेहतर निगरानी के लिहाज से पिछले साल भारत 27वें स्थान पर था।

रपट के मुताबिक इस मामले में दक्षिण अफ्रीका शीर्ष स्थान पर है जिसके बाद फिनलैंड, हांगकांग एसएआर, लग्जमबर्ग और सिंगापुर का स्थान रहा है।

पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन भी इस मामले में भारत से बेहतर रैंकिंग पर हैं जो क्रमश: 51वां और 58वां स्थान है।

यह रपट विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रपट 2014-15 का हिस्सा है। इसमें भारत समेत विश्व के 144 देशों को शेयर बाजारों के नियमन की रैंकिंग प्रदान की गई है।

प्रभावी नियम के लिए 12 पैमाने चुने गए जिनमें वित्तीय बाजारों का विकास भी शामिल है।

रपट में कहा गया कि भारतीय शेयर बाजार में शेयर जारी कर धन जुटाने के संबंध में कंपनियों को होने वाली आसानी में भी फिसलकर 39वें स्थान पर आ गया है जो पहले 18वें स्थान पर था।

हांगकांग एसएआर के बाद ताइवान, चीन और दक्षिण अफ्रीका ऐसे देशों में शामिल हैं जहां इक्विटी बाजारों से धन जुटाना सबसे आसान है।

इस में भी भारत ने निवेशकों की सुरक्षा के संबंध में सुधार दर्ज किया है। रपट में भारत को इस लिहाज से 34वें स्थान पर रखा गया है।

घरेलू स्तर पर कई तरह की सकारात्मक पहलों के कारण भारतीय पूंजी बाजार को हाल के दिनों में तेजी में मदद मिली है।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की रपट के मुताबिक भारतीय बेंचमार्क सेंसेक्स प्रमुख वैश्विक बाजारों में 2014 के दौरान अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सूचकांक है और उम्मीद है कि अगले 4 चार साल में यह दोगुने स्तर पर पहुंच जाएगा।
 

लेखक NDTV Profit Desk
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