कृषि, विनिर्माण और खनन क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के चलते आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च, 2013 की तिमाही में मात्र 4.8 प्रतिशत रही, जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में थोड़ा ऊपर है।
इसके साथ वर्ष 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह एक दशक में वृद्धि का न्यूनतम स्तर है।
इससे पिछले वित्त वर्ष आखिरी तिमाही जनवरी-मार्च,12 की आर्थिक वृद्धि 5.1 प्रतिशत और 2011-12 वार्षिक वृद्धि 6.2 प्रतिशत थी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इतनी या इससे कम वृद्धि 2002-03 में थी जबकि जीडीपी सालाना आधार पर मात्र चार प्रतिशत बढ़ा था।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) आज तिमाही आंकड़े जारी किए। वित्त वर्ष 2012-13 की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में वृद्धि दर क्रमश: 5.4 प्रतिशत, 5.2 प्रतिश और 4.7 प्रतिशत थी।
वर्ष 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 0.1 प्रतिशत थी।
पूरे 2012-13 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मात्र एक प्रतिशत रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2.7 प्रतिशत थी।