तीसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 28 प्रतिशत घटकर 195 टन पर पहुंची

देश में सोने की मांग चालू साल की तीसरी तिमाही में 28 प्रतिशत घटकर 194.8 टन रह गई है. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ‘स्वर्ण मांग का रुख-2016 की तीसरी तिमाही’ रिपोर्ट के अनुसार सोने के ऊंचे दाम, ग्रामीण आय में विशेष सुधार न होने तथा नियामकीय बदलावों की वजह से देश में सोने की मांग घटी है. वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 271.1 टन रही थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

देश में सोने की मांग चालू साल की तीसरी तिमाही में 28 प्रतिशत घटकर 194.8 टन रह गई है. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ‘स्वर्ण मांग का रुख-2016 की तीसरी तिमाही’ रिपोर्ट के अनुसार सोने के ऊंचे दाम, ग्रामीण आय में विशेष सुधार न होने तथा नियामकीय बदलावों की वजह से देश में सोने की मांग घटी है. वर्ष 2015 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 271.1 टन रही थी.

डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक, भारत सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि 2015 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग उच्चतम स्तर पर थी क्योंकि सोने का दाम घटकर 25,586 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया था. मूल्य के हिसाब से जुलाई-सितंबर की तिमाही में सोने की मांग 12 प्रतिशत घटकर 55,970 करोड़ रुपये पर आ गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 63,660 करोड़ रुपये थी.

हालांकि, कुल मिलाकर ग्रामीण आबादी में मांग उम्मीद से कम रही, लेकिन इस साल मॉनसूनी बारिश बेहतर रहने की वजह से शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में मांग अधिक कमजोर नहीं पड़ी. सोमसुंदरम ने कहा कि सोने की मांग में कमी की एक वजह से निश्चित रूप से ऊंची कीमत रही. इसके अलावा अन्य कारकों से भी मांग प्रभावित हुई. मसलन उत्पाद शुल्क लागू होने के बाद सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल, दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर पैन की अनिवार्यता और आय खुलासा योजना जारी रहने के दौरान सोने की खरीद को लेकर कमजोर धारणा से भी मांग प्रभावित हुई.

उन्होंने कहा कि बेहतर मांग तथा दिवाली से पहले कीमतों में गिरावट चौथी तिमाही की मांग की दृष्टि से अच्छी है. इससे सोने की मांग सामान्य स्तर पर आने की उम्मीद है.

लेखक Bhasha
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