बजट 2023 में आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम करने की वकालत कर रहे हैं उद्योग संघ

देश के सभी बड़े उद्योग संघों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2023 में आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम करने की वकालत की है. उद्योग संघों की मांग की है कि बजट 2023 में वित्त मंत्री पर्सनल इनकम टैक्स में राहत का प्रस्ताव शामिल करें. पिछले कुछ साल से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्स रेट में ना कोई बढ़ोतरी की है और ना ही कोई बड़ी राहत दी है. अब बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पर्सनल इनकम टैक्स में रिलीफ देने को लेकर दबाव बढ़ रहा है.

FICCI और अन्य उद्योग संघ ने बजट पर बात की है.

देश के सभी बड़े उद्योग संघों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2023 में आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम करने की वकालत की है. उद्योग संघों की मांग की है कि बजट 2023 में वित्त मंत्री पर्सनल इनकम टैक्स में राहत का प्रस्ताव शामिल करें. पिछले कुछ साल से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्स रेट में ना कोई बढ़ोतरी की है और ना ही कोई बड़ी राहत दी है. अब बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर पर्सनल इनकम टैक्स में रिलीफ देने को लेकर दबाव बढ़ रहा है.

मंगलवार को फिक्की के डायरेक्टर जनरल अरुण चावला ने एनडीटीवी से कहा, बजट 2023 में ओवरऑल टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाना जरूरी होगा. इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यक्ति को टैक्स सेविंग में भी लाभ मिलेगा. इसके अलावा जब लोगों के पास डिस्पोसेबल इनकम होगा तो वो खर्च ज्यादा करेंगे".

उद्योग संघ FICCI की दलील है अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी के इस दौर में ये जरूरी है कि आम करदाताओं को इनकम टैक्स में कुछ राहत दी जाए. इससे उनके पास कुछ पैसे बचेंगे, वो खर्च ज्यादा करेंगे जिससे अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था की रफ़्तार भी.  

उद्योग संघ PHD चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने टैक्स छूट लिमिट के साथ साथ हाउसिंग लोन पर भी टैक्स रिबेट बढ़ाने की वकालत की है. PHDCCI के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल एस पी शर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "आम करदाताओं के लिए इनकम टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख बढाकर 5 लाख करना जरूरी होगा. हाउसिंग लोन पर भी टैक्स रिबेट दो-लाख से बढ़ाकर कम से कम तीन लाख किया जाए".

जबकि मौजूदा आर्थिक परिस्थिति को देखते हुए उद्योग संघ कॉन्फीडेरशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री यानी CII ने कम आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स की दरें कम करने की सिफारिश की है.

डॉ. नित्यानंद, डायरेक्टर, काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट ने एनडीटीवी से कहा, "पिछले कई साल से टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. स्टैंडर्ड डिडक्शन 50000 रुपया बढ़ाया जा सकता है. यह संभव है. महंगाई भी पिछले एक साल में काफी ज्यादा रही है, राहत की गुंजाईश है".

अब देखना होगा कि वित्त मंत्री पर्सनल इनकम टैक्स में राहत की आस लगाए करोड़ों करदाताओं के लिए कोई नई घोषणा करती हैं या नहीं.

लेखक NDTV Profit Desk
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