एक और अड़चन दूर, NCLT की मुंबई बेंच ने रिलायंस-डिज्नी मर्जर को दी मंजूरी

CCI इस ज्वाइंट वेंचर को पहले ही मंजूरी दे चुका है, इसकी वैल्युएशन करीब 70,000 करोड़ रुपये है, जिसमें रिलायंस 11,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश भी करेगी.

Source : Company website

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने 30 अगस्त को वायकॉम18 और स्टार इंडिया की डील को मंजूरी दे दी है. NCLT ने इसका आर्डर वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है. बता दें इससे पहले कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) इस मर्जर को मंजूरी दी थी.

NCLT के क्या कहा?

रेगुलेटर ने पाया कि कंपनियों ने सभी प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. NCLT ने कहा कि रीजनल डायरेक्टर, ऑफिसियल लिक्विडेटर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट या GST डिपार्टमेंट से मर्जर पर कोई आपत्ति नहीं उठाई गई है.

NCLT ने ये भी कहा कि हालांकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय से किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है. हालांकि योजना की मंजूरी के बाद वायकॉम-18 के टीवी चैनलों को स्टार इंडिया को ट्रांसफर करने के लिए मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी.

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ज्वाइंट वेंचर की वैल्युएशन करीब 70,000 करोड़ रुपये

इस ज्वाइंट वेंचर की वैल्युएशन करीब 70,000 करोड़ रुपये है, जिसमें रिलायंस 11,500 करोड़ रुपये का और निवेश करेगी. रिलायंस के पास 63.16% हिस्सेदारी होगी. जबकि डिज्नी के पास 36.84% हिस्सेदारी रहेगी. नीता अंबानी ज्वाइंट वेंचर की चेयरपर्सनल होंगी और उदय शंकर वाइस चेयरमैन की भूमिका निभाएंगे.

कंपनी ने दिया आश्वासन

GST डिपार्टमेंट ने वायकॉम18 से जुड़ी 13 करोड़ रुपये की संभावित देनदारी के बारे में चिंता जताई. इसके बाद वायकॉम18 ने 18 जुलाई, 2024 को एक हलफनामा दिया, जिसमें कहा गया कि मर्जर के बाद GST डिपार्टमेंट की सभी देनदारियों को पूरा किया जाएगा. कंपनी ने आश्वासन दिया कि कोई भी लंबित कानूनी कार्यवाही हमेशा की तरह जारी रहेगी और किसी भी GST देनदारियों को कानून के कंप्लायंस में एड्रेस किया जाएगा.

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