"जिनपर वैट लगता है, उन चीजों को ही टैक्स के दायरे में लाया गया है"- GST Rates पर बोले महाराष्ट्र के पूर्व वित्तमंत्री

New GST Rates: खाने-पीने की चीजों को जीएसटी के दायरे में आखिर क्यों लाया गया है, कॉरपोरेट टैक्स क्यों नहीं बढ़ाया गया है, इसे लेकर सवाल पूछने पर सुधीर मुंगटीवार ने कहा कि जिन वस्तुओं पर वैट लगता है, उन्हें ही टैक्स के दायरे में लाया गया है.

जीएसटी रेट में संशोधन पर जीएसटी परिषद के फैसले लागू होने के बाद सोमवार से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गई हैं. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा. इस तरह 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. इसके अलावा 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल के कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई कर नहीं लगता था.

इसे लेकर NDTV ने महाराष्ट्र के पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुंगटीवार से बात की. महंगाई के बीच खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी क्यों बढ़ाया गया, सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि "जीएसटी केंद्र सरकार नहीं लगाती, जीएसटी काउसिंल लगाती है. जीएसटी काउसिंल में एकमत से प्रस्ताव तैयार करती है. काउंसिल में अभी तक चर्चा हुई है, संवाद हुआ है, मतभिन्नता नहीं हुई है. वहां एक तिहाई-चौथाई के अनुपात से फैसला होता है क्योंकि इसमें राज्यों और केंद्रों के बीच सहमति ली जाती है."

खाने-पीने की चीजों को जीएसटी के दायरे में आखिर क्यों लाया गया है, कॉरपोरेट टैक्स क्यों नहीं बढ़ाया गया है, इसे लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि जिन वस्तुओं पर वैट लगता है, उन्हें ही टैक्स के दायरे में लाया गया है. 

दूसरी आज़ादी लाई GST पहले, पराठा अब आटा, हीरे पर कम, स्याही पर ज़्यादा...

उन्होंने कहा कि "जितने छोटे व्यापारी हैं, उनको एक सीमा में जीएसटी काउंसिल छूट देती है. बहुत छोटे व्यावसायियों से जीएसटी नहीं लिया जा रहा है. जो हमारा दूधवाला घर पर आकर दूध देता है, उसपर टैक्स नहीं लगा सकते. उन्हें ही टैक्स देना होगा जो महंगे ब्रांडेड दूध बेचते हैं." हालांकि, यह तथ्य है कि जीएसटी का दायरा प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर भी लागू हो गया है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर भी उत्पादन और पैकेज्ड प्रॉडक्ट बना रहे छोटे व्यापारी भी इस दायरे में आएंगे. 

पेंसिल और शार्पनर जैसी चीजों पर टैक्स लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों पर टैक्स लगाने से ऐसा नहीं है कि राज्यों के कोष में कोई बड़ी बढ़ोतरी होगी, बढ़ोतरी नहीं होगी. उन्होंने फिर कहा कि जीएसटी परिषद तय करता है कि जिन चीजों पर पहले से वैट था, उन चीजों को हम टैक्स मुक्त क्यों करें.

लेखक NDTV Profit Desk
जरूर पढ़ें
1 बाजार में गिरावट; निफ्टी 22,500 के नीचे, रियल्टी, FMCG में बिकवाली
2 Weather Update Today: दिल्‍ली समेत उत्तर भारत में भीषण गर्मी और दक्षिण भारत में बारिश का अलर्ट
3 EPFO March Data: मार्च में जुड़े कुल 14.41 लाख नए सदस्य, 7.47 लाख नए मेंबर्स ने किया एनरोल
4 भारत को 2030 तक 11.5 करोड़ नौकरियां पैदा करने की जरूरत: स्टडी
5 भारतीय बाजारों के लिए अच्छे ग्लोबल संकेत, ये शेयर आज फोकस में रखें