नया आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म मांग रहा सैलरी की ज्यादा जानकारी | 10 बातें

आयकर भरने वालों के लिए विभाग ने नया आईटीआर फॉर्म नोटिफाई किया है. यह फॉर्म वित्तीय वर्ष 2018-19 से लागू होगा. नया फॉर्म आयकरदाताओं से ज्यादा जानकारी मांग रहा है. सैलरी स्ट्रक्टर और प्रॉपर्टी से आय पर ज्यादा जानकारी ली जा रही है. एक पन्ने का आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) को विभाग ने नोटिफाई किया है.

प्रतीकात्मक फोटो.

आयकर भरने वालों के लिए विभाग ने नया आईटीआर फॉर्म नोटिफाई किया है. यह फॉर्म वित्तीय वर्ष 2018-19 से लागू होगा. नया फॉर्म आयकरदाताओं से ज्यादा जानकारी मांग रहा है. सैलरी स्ट्रक्टर और प्रॉपर्टी से आय पर ज्यादा जानकारी ली जा रही है. एक पन्ने का आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) को विभाग ने नोटिफाई किया है.

आयकर विभाग के अनुसार, आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) को कोई भी नागरिक भर सकता है जिसकी आय 50 लाख रुपये सालाना तक है और यह आय वह सैलरी, प्रॉपर्टी से या फिर अन्य स्रोतों (ब्याज़ आदि) से प्राप्त कर रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में एक पन्ने के आईटीआर फॉर्म -1 (सहज) को नोटिफाई किया गया था. विभाग कहना है कि इससे करीब 3 करोड़ आयकरदाताओं को फायदा पहुंचा था. यानि इतने आयकर दाताओं ने यह फॉर्म भरा था.

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अशोक महेश्वरी एंड एसोशिएक्ट में टैक्स और रेगुलेटरी के निदेशक संदीप सहगल का कहना है कि सहज में बदलाव किए गए हैं ताकि इस में सैलरी और संपत्ति से आय को शामिल किया जा सके जैसा कि अन्य फॉर्म में होता था. इसलिए कहा जा सकता है कि फॉर्म की सहजता के साथ कुछ समझौता हुआ. इसमें बिजनेसमैन और पेशेवर लोगों के जीएसटीएन और जीएसटी रिटर्न के हिसाब से टर्नओवर को भी शामिल किया गया है. इसलिए देखा जाए तो इसमें कोशिश की गई है ताकि चेक रखा जाए यानि आय की सही जांच हो सके।

इस बार सहज फॉर्म में करदाता की सैलरी डिटेल में मांगी गई है. जैसे अलाउंसेस जो आयकर में छूट के दायरे में नहीं आते है, अनुलाभ की कीमत (perquisites), सेक्शन 16 के तहत सैलरी और डिडक्शन के एवज में लिए गए लाभ की जानकारी देनी होगी. 31 जुलाई तक लोग अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं. 

वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जारी किए गए आईटीआर फॉर्म के बारे में 10 बातें

  1. विभाग के अनुसार, नए फॉर्म में कुछ नई डि‍टेल भी मांगी गई है. अब टैक्‍सपेयर्स को अपना सैलरी स्‍ट्रक्‍चर (फॉर्म 16 की जानकारी के अनुसार) और प्रॉपर्टी से अगर कुछ इनकम हुई है तो वह भी बताना होगा.
  2. ITR -2 फॉर्म : व्यक्तिगत लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए, जिनकी आमदनी कारोबार या पेशे से अलग हटकर किसी अन्य मद से आती है, के लिए ITR- 2 को भी तर्कसंगत किया गया है. 
  3. ऐसे व्यक्तिगत लोग या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) जिनकी आमदनी का स्रोत कारोबार या कोई पेशा है, उन्हें या तो ITR- 3 या ITR- 4 फॉर्म भरना होगा.
  4. एनआरआई लोगों को कुछ राहत दी गई है. 
  5. अनिवासी लोगों के लिए किसी विदेशी बैंक खाते की जानकारी मांगी गई है ताकि रिफंड करने में आसानी है और इन लोगों को सुविधा हो.
  6. इस बार आयकर रिटर्न फार्म में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. पिछली बार जो जमा की गयी नकदी का ब्योरा आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2017-18 के फार्म में मांगा था, (एक कॉलम रखा गया था) उसे असेसमेंट ईयर 2018-19 के फार्म से हटा दिया गया है. अब करदाताओं को यह नहीं देना होगा.
  7. आईटीआर फॉर्म को भरने के तरीके में कोई  बदलाव नहीं किया गया है. यह पिछली बार के हिसाब से ही है.
  8. विभाग के अनुसार नए आईटीआर फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ही भरा जाना है. 
  9. आयकर विभाग ने एक अन्य रिटर्न फार्म आइटीआर-2 भी अधिसूचित किया है जिसे ऐसे व्यक्तिगत करदाता दाखिल कर सकते हैं जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से इतर दूसरे स्रोतों से है. वहीं व्यवसाय करने वाले करदाता व पेशेवर आइटीआर फार्म -3 या आइटीआर फार्म -4 (सुगम) (अनुमानित आय के मामले में) भर सकेंगे. इन्हें इलेक्ट्रॉनिक फिलिंग से छूट दी गई है.
  10. पिछले साल की तरह इस साल भी आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल होंगे लेकिन आयकर विभाग ने दो श्रेणी के करदाताओं को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता से छूट भी प्रदान की है. 80 वर्ष या इससे अधिक उम्र के व्यक्तिगत करदाता ऑनलाइन के अलावा पेपर रिटर्न भी दाखिल कर सकेंगे. इसी तरह जिन व्यक्तिगत करदाताओं की सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें भी पेपर रिटर्न भरने की इजाजत होगी, लेकिन पेपर रिटर्न से वे रिफंड का दावा नहीं कर पाएंगे.
लेखक NDTV Profit Desk
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