हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप और मजबूत होकर उभरा; निवेश बढ़ा, मिले नए प्रोजेक्ट्स

अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप पर शेयर बाजार में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों से साफ तौर पर इनकार कर दिया था.

Source: Adani Group

हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट तो आई थी अदाणी ग्रुप (Adani Group) को नुकसान पहुंचाने के लिए, मगर ये अनजाने में ही गौतम अदाणी और उनके ग्रुप को फायदा पहुंचा गई. ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के कारोबार को फायदा ही हुआ है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप पर शेयर बाजार (Share Market) में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसे ग्रुप ने साफ तौर पर खारिज किया था. यही नहीं अदाणी ग्रुप मजबूत फंडामेंटल्स के चलते और मजबूत होकर उभरी है.

कर्ज घटा

इस रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप ने अपनी सभी कंपनियों के कर्ज कम करने पर फोकस किया. यही नहीं ग्रुप को अमेरिका से लेकर मिडिल ईस्ट के देशों में नए निवेशक मिले. उसे बड़े प्रोजेक्ट्स हासिल हुए हैं. अदाणी ग्रुप ने अपनी स्ट्रैटेजी में बड़ा सुधार किया है. उसने अपने निवेशकों और कर्जदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया और उन्हें हर फैसले की विस्तृत जानकारी देने लगी. अदाणी ग्रुप भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में नया एयरपोर्ट भी बना रहा है. इसके साथ ही वो मुंबई में धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है.

निवेशकों की अदाणी ग्रुप को लेकर अच्छी राय

इन सभी बातों के बावजूद बहुत से निवेशकों का मानना है कि अदाणी ग्रुप अब तेजी के रास्ते पर है. चेन्नई में बेस्ड एसेट मैनेजमेंट कंपनी रेडस्ट्रॉ बेरी LLP के मैनेजिंग डायरेक्टर चक्री लोकप्रिय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में विशेष जांच की अपील को ठुकरा दिया. इसके अलावा नए निवेशकों और अमेरिकी एजेंसी की फंडिंग ने दोनों संस्थागत और रिटेल निवेशकों को भरोसा दिया.

लोकप्रिय ने कहा कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट एक तरह से अदाणी ग्रुप के लिए अच्छी साबित हुई है. ग्रुप की ज्यादातर कामयाबी उसके बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर से आई है. इनमें पोर्ट टर्मिनल, पावर लाइंस, एयरपोर्ट्स, डेटा सेंटर्स सोलर पार्क्स और सीमेंट प्लांट्स शामिल हैं. इसने अदाणी को भारत की ग्रोथ के केंद्र में डाल दिया है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अदाणी ग्रुप के शेयरों को नुकसान पहुंचाया है. इससे अरबों डॉलर की मार्केट वैल्यू साफ हो गई. अदाणी और उनके ग्रुप ने 2.15 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाया और गिरवी रखे अपने शेयर छुड़ाए. ग्रुप को राजीव जैन की GQG पार्टनर्स से निवेश मिला है. ग्रुप को कुल मिलाकर करीब 5 बिलियन डॉलर का निवेश मिला.

मार्केट वैल्यू बढ़ी

अदाणी की 10 लिस्टेड कंपनियों की संयुक्त मार्केट वैल्यू अब करीब 175 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. ये शॉर्ट सेलर रिपोर्ट के बाद पिछले साल फरवरी में 82 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर से करीब 112% ज्यादा है. इनमें से पांच कंपनियों के घाटे की भरपाई हो गई है. शेयरों में हाल ही की तेजी की वजह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. इसके अलावा श्रीलंका में ग्रुप के पोर्ट बिजनेस में 553 मिलियन डॉलर का निवेश भी आया है.

मुंबई में चूड़ीवाला सिक्योरिटीज प्राइवेट के मैनेजिंग डायरेक्टर आलोक चूढ़ीवाला ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद जो निवेशक अच्छी कीमतों पर अदाणी शेयरों में पैसा नहीं लगा रहे थे. उन्होंने अब लगाया.

ग्रुप का नेट डेट सितंबर तक 3.5% गिरकर 21.72 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था. उसका नेट डेट टू Ebitda रेश्यो सितंबर में घटकर 2.5 पर पहुंच गया है. ये मार्च में 3.3 था.

ग्रुप में निवेश बढ़ा

गौतम अदाणी 1980 के दशक में मुंबई में एक डायमंड ट्रेडर बनकर आए थे. वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संकट से इसलिए निकल पाए क्योंकि वो भारत में कुछ सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग के डेटा में दिखा कि अदाणी ग्रुप भारत में करीब आधे शिपिंग कंटेनर्स का संचालन करता है.

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 2.5 बिलियन डॉलर की शेयर सेल को रोक दिया था. ये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का बड़ा नुकसान था. लेकिन ग्रुप को नए निवेशकों से फायदा हुआ है.

GQG के जैन ग्रुप पर बहुत बुलिश हैं. वो अदाणी ग्रुप में सबसे बड़े निवेशकों में से एक बनना चाहते हैं. पिछले निवेशकों कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, टोटल एनर्जीज SE और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने पिछले कुछ महीनों में निवेश को बढ़ाया है.

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