SEBI के आदेश की अनिल अंबानी कर रहे हैं समीक्षा, जल्द उठाएंगे कोई कदम

प्रवक्ता ने बयान में जानकारी दी कि अनिल अंबानी ने 11 फरवरी 2022 को जारी SEBI के अंतरिम आदेश का पालन करते हुए रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था.

Source: NDTV Profit

उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) SEBI के उस आदेश की समीक्षा कर रहे हैं जिसके तहत उन पर सिक्योरिटीज मार्केट (Securities Market) से पांच साल के लिए बैन लगा दिया गया है.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक उनके प्रवक्ता ने रविवार को एक बयान में कहा कि वो आदेश की समीक्षा करने और कानूनी सलाह लेने के बाद ही अगला कदम उठाएंगे.

प्रवक्ता ने बयान में जानकारी दी कि अंबानी ने 11 फरवरी 2022 को जारी SEBI के अंतरिम आदेश का पालन करते हुए रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था. ये आदेश रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के मामले से जुड़ा था.

बयान में क्या कहा गया है?

बयान में कहा गया है कि अनिल अंबानी पिछले ढाई साल से 11 फरवरी 2022 के आदेश का पालन कर रहे हैं. 22 अगस्त के आदेश में अनिल अंबानी और 24 अन्य लोगों को फंड डायवर्जन के आरोप में सिक्योरिटीज मार्केट से बैन कर दिया गया था.

इस पर उनके प्रवक्ता ने कहा कि अंबानी 22 अगस्त 2024 को मामले में जारी आखिरी आदेश की समीक्षा कर रहे हैं और वो कानूनी सलाह लेने के बाद ही उपयुक्त कदम उठाएंगे.

क्या है पूरा मामला?

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. उसने कहा था कि अंबानी ने रिलायंस होम फाइनेंस से फंड्स की हेर-फेर करने के लिए एक स्कीम बनाई थी.

बैन का मतलब है कि अंबानी और 24 अन्य लोग सिक्योरिटिज मार्केट को एक्सेस नहीं कर सकेंगे और सिक्योरिटीज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर खरीदारी, बेचना या किसी अन्य तरह की डीलिंग नहीं कर सकते हैं.

एक अन्य बयान में मुंबई में लिस्टेड रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि SEBI ने जिस मामले में आदेश दिया है, उसमें वो पोर्टी नहीं है. आदेश में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.

इसी मामले में SEBI की ओर से 11 फरवरी 2022 को जारी अंतरिम आदेश का पालन करते हुए अंबानी ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया था. इसलिए 22 अगस्त 2024 के आदेश से रिलायंस इंफ्कास्ट्रक्टर के बिजनेस और कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

आदेश में क्या कहा गया था?

22 अगस्त के अंतिम आदेश के मुताबिक, SEBI ने पाया था कि अनिल अंबानी ने RHFL के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों की मदद से कंपनी से फंड्स निकालने के लिए धोखाधड़ी का प्‍लान बनाया, जिसे उन्होंने अपने से जुड़ी संस्थाओं को लोन के रूप में दिखाया. हालांकि RHFL के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स ने इस तरह लोन देने के तरीकों को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और नियमित रूप से कॉरपोरेट कर्जों की समीक्षा की थी, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की.

SEBI के अनुसार, ये अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों के संचालन में एडमिनिस्‍ट्रेशन की महत्वपूर्ण विफलता का संकेत देता है. इन परिस्थितियों को देखते हुए, RHFL कंपनी को भी फ्रॉड में शामिल लोगों के बराबर जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.

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