अनिल अंबानी फिर मुश्किल में, कर्ज धोखाधड़ी मामले में ED 7-10 दिन बाद फिर करेगा तलब

ADAG की कंपनियों से जुड़े ऋण धोखाधड़ी मामले में पूछताछ के लिए अनिल अंबानी को मंगलवार को ED के समक्ष पेश होने को कहा गया था.

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मंगलवार को अनिल अंबानी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ हुई. ये पूछताछ करीब साढ़े 8 घंटे चली. सूत्रों ने NDTV प्रॉफिट को बताया कि ED रिलायंस समूह (ADAG) की कंपनियों से जुड़े कथित कर्ज धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी को 7-10 दिन बाद फिर से तलब करेगा.

अंबानी अंबानी, जिन्हें मंगलवार को ED की पूछताछ के लिए बुलाया गया था, ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें कर्ज धोखाधड़ी मामले से संबंधित ED के बताए गए विभिन्न लेन-देन की जानकारी नहीं है, जैसा कि इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया है.

अंबानी को विवरणों की जांच करनी चाहिए और लगाए गए आरोपों का तदनुसार जवाब देना चाहिए, ऐसा उन्होंने कहा. उन्होंने आगे कहा कि उनके दो प्रमुख अधिकारियों, अमिताभ झुनझुनवाला और सतीश सेठ से इस सप्ताह पूछताछ की जाएगी.

अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े कथित अवैध ऋण धोखाधड़ी की ED की जांच को वर्तमान में जांच के दायरे में सबसे बड़े कॉर्पोरेट कर्ज धोखाधड़ी में से एक माना जा रहा है.

17,000 करोड़ रुपये के इस बड़े डिफॉल्ट ने भारत के हाल के इतिहास में कुछ सबसे बड़े कॉर्पोरेट ऋण धोखाधड़ी को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, जिससे बैंक ऋण वसूली और कॉर्पोरेट प्रशासन में लगातार चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है.

अनिल अंबानी मामले में जटिल वित्तीय लेन-देन शामिल हैं, जिनमें बैंकरों के साथ कथित लेन-देन, शेल कंपनियों के ज़रिए संदिग्ध निवेश और जाली बैंक गारंटी शामिल हैं.

देश में वित्तीय अपराधों से निपटने वाला प्रवर्तन निदेशालय (ED), अनिल अंबानी समूह को जारी किए गए उन ऋणों से संबंधित जांच में कुछ बैंकरों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है, जो बाद में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स बन गए, इस मामले से जुड़े लोगों ने सोमवार को NDTV प्रॉफिट को बताया।

एजेंसी ने 12-13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को पत्र लिखकर रिलायंस हाउसिंग फ़ाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कमर्शियल फ़ाइनेंस को दिए गए ऋणों पर की गई जांच-पड़ताल का विवरण मांगा है. इनमें भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, NDTV बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया कि NDTV ने ऋण मंज़ूरी की प्रक्रिया, चूक की समय-सीमा और ऐसे खातों पर की गई वसूली कार्रवाई का विवरण मांगा है. उन्होंने बताया कि अगर जांचकर्ता जवाबों से संतुष्ट नहीं होते हैं, तो बैंकरों को तलब करके पूछताछ की जा सकती है.

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