अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने FY24 में रिकॉर्ड 420 मिलियन टन कार्गो (Cargo) हैंडल किए हैं. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक पहले 100 मिलियन तक पहुंचने में 14 साल, 200 तक पहुंचने में 5 और 300 पर पहुंचने में तीन साल का समय लगा. लेकिन कंपनी को 400 मिलियन तक पहुंचने में दो साल से भी कम लगे.
कार्गो में सालाना 24% की बढ़ोतरी
अधिकारियों ने कहा कि भारत के सबसे बड़ी निजी पोर्ट ऑपरेटर की ओर से हैंडल कार्गो में सालाना 24% की बढ़ोतरी हुई. इसमें अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि APSEZ के घरेलू बंदरगाहों ने वित्त वर्ष में 408 मिलियन टन से ज्यादा का कार्गो हैंडल किया है. उन्होंने आगे कहा कि कंपनी सी-स्पोर्ट्स की तस्वीर बदल रही है. उनके मुताबिक कंपनी ऑपरेशनल एक्सीलेंस के नए कीर्तिमान बना रही है.
15 बंदरगाहों और टर्मिनल का नेटवर्क
APSEZ का पहला बंदरगाह मुंद्रा ने अपने पहले जहाज का 1998 में स्वागत किया था. उस समय से APSEZ ने पूर्व और पश्चिमी तटों में 15 बंदरगाहों और टर्मिनल का नेटवर्क बनाया है. कंपनी ने देश के अंदर और बाहर इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑपरेशनल क्षमताओं को दोबारा परिभाषित किया है.
कंपनी की भारत में सबसे बड़ी पोर्ट ऑपरेटर बनने के सफर में उसने देश के तटों पर कई रणनीतिक एसेट्स का अधिग्रहण किया है. अधिकारियों ने कहा कि ग्रोथ और इनोवेशन के विजन के मुताबिक कंपनी ने क्षमता वाले बंदरगाहों की पहचान की है जिसकी मदद से वो अपनी मौजूदगी को बढ़ा सके और इन सुविधाओं को बदलने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कर सके.
धामरा पोर्ट, कृष्णापट्टनम पोर्ट की तस्वीर बदली
कंपनी ने इनोवेशन के जरिए कई पोर्ट्स को खरीदकर उनकी तस्वीर बदल दी है. इसके दो उदाहरण ओडिशा में धामरा और आंध्र प्रदेश में कृष्णापट्टनम हैं. देश के पूर्वी तट पर मौजूद धामरा पोर्ट क्षेत्र में ड्राई कार्गो शिपमेंट के लिए अहम हब के तौर पर उभरा है. ये ऑल वेदर पोर्ट ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से चार घंटे की दूरी पर मौजूद है. ये समुद्र में कुछ बड़े वेसल्स को हैंडल करने की क्षमता रखता है.
दस साल पहले ये सिर्फ 14 मिलियन टन कार्गो को हैंडल करता था. अब इसकी क्षमता बढ़कर 42 मिलियन टन से ज्यादा हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक इसमें तीन गुना बढ़ोतरी हुई है.