Byju’s अपने US बेस्‍ड प्‍लेटफॉर्म Epic! को बेच सकता है, 400 मिलियन डॉलर में जोफ्रे कैपिटल से डील संभव

बायजूज ने 2021 में एपिक (Epic!) को 500 मिलियन डॉलर में खरीदा था.

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कर्ज संकट, कानूनी मुकदमों और कई दूसरी चुनौतियों से जूझ रही भारतीय एड-टेक कंपनी Byju's अपने US बेस्‍ड किड्स डिजिटल रीडिंग प्‍लेटफॉर्म Epic! को 400 मिलियन डॉलर में जोफ्रे कैपिटल (Joffre Capital Ltd.) को बेच सकती है. इसके लिए बातचीत चल रही है.

मामले से परिचित लोगों ने ब्‍लूमबर्ग को बताया कि एपिक क्रिएशन्स को बेचने से बायजूज को विवादित 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन का भुगतान करने के लिए पैसे जुटाने में मदद मिलेगी. पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर इन लोगों ने कहा कि डुओलिंगो (Duolingo Inc.) और अन्‍य कुछ कंपनियों ने भी एपिक को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.

डील पर अब तक अंतिम फैसला नहीं

बायूजज के US बेस्‍ड प्‍लेटफाॅर्म एपिक को बेचने का काम मोएलिस एंड कंपनी (Moelis & Co.) कर रही है. जानकारों ने बताया कि इस महीने के आखिर तक डील फाइनल हो सकती है. लोगों ने कहा कि डील पर कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है और बात नहीं बनने पर बायजूज इस एसेट को लंबे समय तक रखने का विकल्प चुन सकता है.

इस बारे में बायजू, मोएलिस और जोफ्रे के प्रतिनिधियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, वहीं डुओलिंगो के एक प्रतिनिधि ने भी टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया.

$500 मिलियन में किया था Epic! का अधिग्रहण

ऑनलाइन एजुकेशन सेक्‍टर की दिग्‍गज फर्म बायजूज ने अपने ग्‍लोबल एक्‍सपेंशन प्‍लान के तहत 2021 में एपिक (Epic!) को 500 मिलियन डॉलर में खरीदा था. करीब एक दशक पहले स्थापित ये अमेरिकी फर्म अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 40,000 से अधिक किताबों का कलेक्‍शन है.

जोफ्रे कैपिटल के पीछे कौन?

जोफ्रे के फाउंडिंग पार्टनर्स में चाइ‍नीज सर्ज इंजन बायडू (Baidu Inc.) के पूर्व कार्यकारी जेम्स लू शामिल हैं, जो उस निवेशक समूह का हिस्सा थे, जिसने 2020 में चाइनीज इंटरनेट कंपनी कुनलुन टेक (Kunlun Tech Co) से समलैंगिक-डेटिंग ऐप ग्रिंडर (Grindr) खरीदा था.

जोफ्रे के अन्य फाउंडर्स में टेक्‍नोलॉजी और फाइनेंस सेक्‍टर के उद्यमी और अनुभवी अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने Amazon, वारबर्ग पिंकस और गोल्डमैन सैक्स ग्रुप जैसी कंपनियों में बड़े पदों पर रहे हैं और काम किया है.

कई चुनौतियों से जूझ रही कंपनी

बायजूज की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न (Think & Learn Pvt. Ltd.) को कोविड के दौर में ऑनलाइन एजुकेशन में आई बूम का बड़ा फायदा मिला था, लेकिन उसके बाद कंपनी लगातार घाटे में जाती गई. इस घाटे को कम करने के लिए बायजूज कॉस्‍ट कटिंग की कोशिश कर रहा है.

एक समय देश का सबसे दिग्‍गज टेक स्‍टार्टअप रहा बायजूज अब अपने क्रेडिटर्स के साथ कानूनी लड़ाई में फंस गया है. साथ ही रेगुलेटरी और कानूनी एजेंसियों की जांच से भी गुजर रहा है.

बायजू ने दो दिन पहले वित्त वर्ष 2022 का रिजल्‍ट पेश किया है, जिसके अनुसार कंपनी का घाटा मामूली रूप से कम होकर 2,250 करोड़ रुपये रह गया है. वहीं, इसकी आय बढ़कर 3,500 करोड़ रुपये से ज्‍यादा हो गई है.

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