बायजूज (Byju's) ने सोमवार को कहा कि मार्च की सैलरी में देरी होगी. उन्होंने इसके पीछे चार विदेशी निवेशकों की ओर से गैर-जिम्मेदार कार्रवाई को वजह बताया. इन निवेशकों ने एडटेक फर्म के खिलाफ राइट्स इश्यू (Rights Issue) के जरिए जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल को रोकने का आदेश हासिल किया है.
बायजूज ने ईमेल में कर्मचारियों से क्या कहा?
संकट में फंसी कंपनी ने एक ईमेल में अपने कर्मचारियों को लिखा कि बायजूज के कुछ गुमराह हो चुके विदेशी निवेशकों ने फरवरी के आखिर में अंतरिम आदेश हासिल किया है. इस आदेश के तहत सफल राइट्स इश्यू के जरिए जुटाए गए फंड्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
ये चार निवेशक प्रोसस, पीक XV पार्टनर्स, चैन जुकरबर्ग इनीशिएटिव और जनरल अटलांटिक हैं. इन्होंने बायजूज के खिलाफ इंसोल्वेंसी की याचिका दायर की है. उन्होंने बोर्ड के पुनर्गठन करने और फाउंडर बायजू रवींद्रन को बाहर करने का फैसला किया है.
बायजूज को कोर्ट से राहत की उम्मीद
बयान में कहा गया है कि हमें भारतीय न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है और हमें अच्छे नतीजे का इंतजार है, जिससे राइट्स इश्यू के जरिए जुटाए गए फंड्स को इस्तेमाल करने और उन वित्तीय चुनौतियों को दूर करने में मदद मिलेगी जिनका हम मौजूदा समय में सामना कर रहे हैं.
कंपनी ने लिखा कि हमारे पास राइट्स इश्यू के लिए ऑथराइज्ड कैपिटल बढ़ाने के लिए जरूरी वोट है. इसका मतलब है कि एक बार जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध हटा लिए जाते हैं तो हम सभी सैलरी से जुड़ी जिम्मेदारियों को तुरंत पूरा कर सकते हैं.