CBIC ने अपने आदेश में साफ किया है कि ट्रेडिंग मार्जिन्स समेत तमाम गिफ्ट कार्ड्स या वाउचर्स को गुड्स या सर्विसेज नहीं माना जाएगा. इसलिए इनके ऊपर GST नहीं लगेगा.
CBIC ने अपने हालिया सर्कुलर में साफ किया है कि चाहे इन गिफ्ट कार्ड्स या वाउचर्स को RBI से मान्यता मिली हो या नहीं, इन्हें गुड्स नहीं माना जाएगा.लेकिन मार्केटिंग, कस्टमाइजेशन या कमीशन बेस्ड डिस्ट्रीब्यूशन वाउचर्स जैसे एडीशनल सर्वसेज वाउचर्स पर GST जारी रहेगा.
इस कदम से गिफ्ट कार्ड्स और वाउचर्स पर टैक्सेशन से जुड़ी लंबे वक्त की चिंताओं का समाधान हो जाएगा. क्योंकि कॉरपोरेट गिफ्टिंग और प्रोमोशनल एक्टिविटीज के लिए इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. CBIC का स्पष्टीकरण 21 दिसंबर को हुई GST काउंसिल की मीटिंग के सुझावों के साथ तालमेल में है.
EY में टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल कहते हैं, 'लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंडस्ट्री इस तरह के अनरिडीम्ड वाउचर्स पर जो GST चुकाया गया है, इंडस्ट्री उसके रिफंड के लिए किसी रास्ते की तलाश करती है या नहीं. कुलमिलाकर ये इंडस्ट्री के लिए अहम डेवलपमेंट है, क्योंकि इससे टैक्स में निश्चितता लाने में मदद मिलेगी. साथ ही गैरजरूरी मुकदमेबाजी भी कम होगी.' इससे पहले कर्नाटक अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स ने प्रीमियर सेल्स कॉरपोरेशन केस में कहा था कि वाउचर्स को गुड्स मानते हुए उनके ऊपर टैक्स लगाया जा सकता है.