966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली हैदराबाद बेस्ड कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Megha Engineering and Infrastructure Ltd) के खिलाफ CBI ने रिश्वत देने के एक मामले में FIR दर्ज की है.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में स्टील मिनिस्ट्री से जुड़े 8 अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, जगदलपुर में इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट से जुड़े काम के लिए मेघा इंजीनियरिंग के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने के एवज में करीब 78 लाख रुपये की रिश्वत दी गई थी.
करप्शन के खिलाफ दर्ज इस FIR में NISP और NMDC के 8 अधिकारियों के अलावा मेकॉन (MECON) के 2 अधिकारियों को भी कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए आरोपित किया गया है.
NISP और NMDC के 8 अधिकारियों पर आरोप
रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत दास
डायरेक्टर (प्रोडक्शन) DK मोहंती
DGM PK भुइयां
DM नरेश बाबू
सीनियर मैनेजर सुब्रो बनर्जी
रिटायर्ड CGM (फाइनेंस) एल कृष्ण मोहन
GM (फाइनेंस) के राजशेखर
मैनेजर (फाइनेंस) सोमनाथ घोष
इन अधिकारियों पर कथित तौर पर 73.85 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप हैं. इनके अलावा मेकॉन लिमिटेड (MECON) के 2 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है.
AGM(कॉन्ट्रैक्ट) संजीव सहाय
DGM (कॉन्ट्रैक्ट) के. इलावर्सू
इन दोनों अधिकारियों पर MEIL और मेघा इंजीनियरिंग के GM सुभाष चंद्रा सांगरास और अन्य लोगों से 73 चालानों के बदले NMDC द्वारा MEIL को 174.41 करोड़ के भुगतान के बदले में 5.01 लाख रुपये लेने का आरोप है. GM और मेघा इंजीनियरिंग मामले में रिश्वत देने के आरोपी हैं.
अगस्त 2023 में शुरू हुई थी जांच
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने 10 अगस्त, 2023 को स्टील प्लांट, जगदलपुर में इंटेक वेल, पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन के कार्यों से संबंधित 315 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में कथित रिश्वतखोरी को लेकर प्रारंभिक जांच शुरू की थी. जांच के दौरान मिले निष्कर्षों के आधार पर, 18 मार्च को रिश्वतखोरी को लेकर मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, जो 31 मार्च को दायर किया गया.