वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी का शुक्रवार को पुरजोर बचाव किया और कहा कि बेशक इसने वित्तीय प्रणाली को थोड़े समय के लिए ‘झकझोर दिया है’, लेकिन इससे लंबे समय में कालेधन की अर्थव्यवस्था औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनेगी और कर कानूनों के अनुपालन में सुधार होगा.
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों के बीच वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से जुड़े ज्यादातर विवादित मुद्दों को हल कर लिया गया है और अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की यह नई व्यवस्था अब क्रियान्वयन के अंतिम चरणों में है. जेटली ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित भागीदरी शिखर सम्मेलन में कहा, ‘नोटबंदी, और इसके साथ जीएसटी से आने दिनों में राज्यों और जहां तक केन्द्र सरकार का संबंध है उनके लिये अधिक राजस्व सुनिश्चित होगा. इसके साथ ही इससे औपचारिक अर्थव्यवस्था का भी विस्तार होगा.’
उन्होंने कहा कि सामान्यत: हमारा समाज कर नियमों का अनुपालन न करने वाला समाज है. राज्यों और केन्द्र सरकार को अपने तंत्र के लिए संसाधन जुटाने को जूझना पड़ता है और इसमें कर चोरी करने वालों को अनुचित लाभ मिलता है. जेटली ने कहा, ‘यह स्थिति सामान्य करदाताओं के लिये बड़ी अनुचित होती है, क्योंकि कर चोरी करने वाले जितना चोरी करते हैं, कर अनुपालन करने वालों पर उतना ही बोझ बढ़ जाता है.’ उन्होंने कहा कि यही वजह है कि सरकार ने बड़े नोटों को चलन से हटाने और अमान्य करने का फैसला किया और ‘कुछ समय के लिये प्रणाली को झकझोर दिया.’
(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट)