वैश्विक बाजारों में गिरावट के मद्देनजर भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सेंसेक्स में करीब 1000 अंकों से लेकर 800 अंकों की देखी गई। रुपया भी दो साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को लेकर विदेशी निवेशक डरे हुए हैं।
एक्सपर्ट्स से जानें, शेयर बाजार निवेशकों को फिलहाल क्या करना चाहिए
1.भारतीय बाजारों के गिरने का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी और चीनी बाजारों में गिरावट रही। शंघाई के शेयर बाजारों ने पांच महीने के निम्नतम स्तर 7.7 प्रतिशत का गोता खाया। इस महीने इसमें 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई।
2.हफ्ते के पहले कारोबारी दिन एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। शंघाई कम्पोजिट 7.25 फीसदी गिरकर 3,270 के स्तर पर आ गया। जापान का निक्केई 3 फीसदी से ज्यादा गिरकर 18,850 के नीचे पहुंच गया। हैंग सेंग में 4.25 फीसदी की तेज गिरावट दिखी। कोरियाई कोस्पी में भी 2.2 फीसदी की कमजोरी है। ताइवान का इंडेक्स करीब 7 फीसदी गिरकर 7,300 के नीचे पहुंच गया।
3. बाजार विशेषज्ञ धीरेंद्र कुमार ने बताया कि, चीन में जो हो रहा है, विदेशी निवेशक इससे चिंता में हैं और उन्हीं का रुख इस भारी गिरावट की मुख्य वजह है।
4. चीन के बाजार का असर दुनियाभर पर होता है। अमेरिका में भी ब्याजदरों के बढ़ने की बात कही जा रही है।
5. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर ज्यादा लंबे समय तक देखने को नहीं मिलेगा। विदेशी निवेशकों को जल्द समझ आ जाएगा और वह लौट आएंगे।