अक्टूबर के दौरान फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर में डिमांड सुस्त रही है. एक्सिस सिक्योरिटीज एंड एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग की रिपोर्ट्स के मुताबिक फेस्टिव सेल्स (Festive Sales) उम्मीद से कम रही है और शहरी खपत (Urban Demand) पर दबाव बना हुआ है. उन्होंने जिक्र किया कि सर्दी के देरी से आने से सीजनल प्रोडक्ट्स की प्री-लोडिंग पर असर पड़ा है.
उसने कहा कि सर्दी के देरी से आने से सीजनल प्रोडक्ट्स की प्री-लोडिंग पर असर पड़ता है. इससे दूसरी तिमाही में सेक्टर के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ेगा.
त्योहारी सीजन के दौरान भी डिमांड कमजोर
एक्सिस ने जिक्र किया कि कमजोर शहरी डिमांड, भारी बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा से टॉपलाइन ग्रोथ कमजोर बनी हुई है. एंटीक स्टॉक ब्रोकर्स ने भी इसी पर ध्यान दिया. उन्होंने आगे कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि सर्दियों का पोर्टफोलियो यानी प्रोडक्ट्स की बिक्री नवंबर में बढ़ेगी.
एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग ने जिक्र किया कि त्योहारी सीजन के दौरान डिमांड को लेकर कमजोर सेंटिमेंट रहा है जिससे खपत का रिवाइवल नहीं हो सका. हिंदुस्तान यूनिलीवर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा.
HUL के सोप और पर्सनल केयर सेगमेंट्स में तिमाही आधार पर सुधार आया है. जबकि GCPL को सोप्स में प्रतिस्पर्धा मिली है. लेकिन नए लॉन्च के बाद पॉजिटिव कंज्यूमर रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है.
शहरी डिमांड में क्यों है सुस्ती?
मौजूदा वैल्युएशन पर स्टैपल्स में उनके पसंदीदा स्टॉक्स GCPL और मैरिको हैं. वहीं अल्कहोलिक बेवरेजेज में रेडिको खैतान हैं. एक्सिस सिक्योरिटीज को शहरी डिमांड में सुस्ती दिखी है.
इसके पीछे वजह वेतन में ग्रोथ, ज्यादा ब्याज दर, बढ़ती EMI और D2C ब्रैंड्स, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से बढ़ी प्रतिस्पर्धा है. शहरी इलाकों का FMCG बिक्री में आधे से ज्यादा हिस्सा है. यहां डिस्क्रिशनरी खर्च में बड़ी चुनौतियां देखने को मिली हैं.
शहरी कमजोरी के बावजूद ग्रामीण मांग में रिकवरी के संकेत दिखे हैं. इसमें घटती महंगाई, सरकारी खर्च, अच्छे मॉनसून और न्यूनतम समर्थन मूल्य में सुधार से समर्थन मिला है. दोनों ब्रोकरेज को आने वाली तिमाहियों में ग्रोथ बरकरार रहने की उम्मीद है.