वित्तीय संकट से जूझ रही गो फर्स्ट (Go First) को अब बेचने की तैयारी है. गो एयरलाइंस (Go Airlines India Ltd) की इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया की देखरेख के लिए नियुक्त रेजोल्यूशन प्रोफेशनल ने एयरलाइन की बिक्री के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) मंगवाए हैं.
EoI के लिए अखबारों में विज्ञापन
नियुक्त IRP शैलेंद्र अजमेरा ने अखबारों में इसके लिए एक विज्ञापन दिया है. जिसमें इच्छुक कैंडिडेट्स से 9 अगस्त 2023 तक EoI मांगे गए हैं, यानी 9 अगस्त तक इच्छुक कंपनियां अपनी तरफ से बोलियां भेज सकेंगी.
इसके बाद एप्लीकेंट्स की एक प्रोविजनल लिस्ट 19 अगस्त को जारी की जाएगी, इस लिस्ट को लेकर आपत्तियां देने की आखिरी तारीख 24 अगस्त 2023 है.
हाई कोर्ट ने लेसर्स को दी थी राहत
इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही गो फर्स्ट के लेसर्स के पक्ष में फैसला दिया था. इसके तहत उसने लेसर्स को कम से कम महीने में दो बार अपने एयरक्राफ्ट का निरीक्षण करने की इजाजत दे दी है. सिंगल जज बेंच ने इस बात का जिक्र किया कि ये विमान बेहद बहुमूल्य एसेट्स हैं, जिन्हें संरक्षण की जरूरत है. इसलिए उसने लेसर्स को 30 एयरक्राफ्ट पर रखरखाव का काम करने की इजाजत दी है.
जस्टिस तारा वितस्ता गंजू ने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA और एयरपोर्ट अथॉरिटीज से भी लेसर्स को उनके एयरक्राफ्ट का निरीक्षण करने की इजाजत देने को कहा है. कोर्ट ने गो फर्स्ट के कर्मचारियों और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल्स को लेसर्स की मंजूरी के बिना एयरक्राफ्ट का कोई महत्वपूर्ण हिस्सा अलग करने या छेड़छाड़ से मना किया है.