Go First Insolvency: NCLT ने गो फर्स्ट की इनसॉल्वेंसी याचिका स्वीकार की, 19 मई तक फ्लाइट्स रद्द

एयरलाइन ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजनों की वजह से उसके आधे से ज्यादा विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा जिसकी वजह से वित्तीय संकट पैदा हुआ.

Source: Reuters

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने गो फर्स्ट की इनसॉल्वेंसी की याचिका को स्वीकार कर लिया है. यानी अब गो फर्स्ट के लिए इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा.

NCLT ने मोरेटोरियम का भी ऐलान किया और Alvarez & Marsal के अभिलाष लाल को इस मामले में अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त किया है.

मतलब ये कि विमान के पट्टेदार गो फर्स्ट से किसी भी तरह की रिकवरी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि गो फर्स्ट को मोरेटोरियम के तरह सुरक्षा मिल गई है. ये गो फर्स्ट के लिए एक बड़ी राहत है.

गो फर्स्ट CEO ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

गो फर्स्ट के CEO कौशिक खोना ने ट्रिब्यूनल के लिए आदेश की तारीफ की है, उन्होंने कहा कि NCLT का आदेश ऐतिहासिक है, जो समय पर आया है. ये एक 'व्यवहार्य व्यवसाय' को 'अव्यवहार्य' होने से पहले दोबारा जीवित करने के संदर्भ में एक आदर्श उदाहरण है.

इस फैसले के बाद गो फर्स्ट ने 19 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं, एयरलाइन ने कहा है कि ग्राहकों को उनके पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे.

एयरलाइन में छंटनी न की जाए: NCLT

आज अपने फैसले में NCLT ने एयरलाइन के बोर्ड को सस्पेंड कर दिया है, निलंबित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से कहा गया है कि जब तक इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया चल रही है वो IRP को कंपनी चलाने में हर संभव मदद करें. साथ ही निलंबित प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि वो तत्काल खर्च के लिए 5 करोड़ रुपये जमा करें.

NCLT की दिल्ली बेंच ने IRP से ये भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कंपनी को चलाएं और किसी भी तरह की छंटनी न की जाए.

2 मई को गो फर्स्ट ने दाखिल की थी याचिका

वाडिया ग्रुप (Wadia Group) की एयरलाइन ने 2 मई को NCLT में याचिका दाखिल करके स्वैच्छिक दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने और अंतरिम मोरेटोरियम की मांग की थी, यानी एयरलाइन ने वित्तीय दायित्वों पर अंतरिम रोक लगाने की मांग ट्रिब्यूनल से की थी.

गो फर्स्ट ने विमान पट्टेदारों को किसी भी तरह की रिकवरी की कार्रवाई करने से रोकने के साथ-साथ एविएशन रेगुलेटर DGCA और जरूरी वस्तुओं और सेवाओं के सप्लायर्स को उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से रोकने के लिए एक आदेश की मांग भी की थी.

एयरलाइन ने अपनी याचिका में कहा था कि प्रैट एंड व्हिटनी के खराब इंजनों की वजह से उसके आधे से ज्यादा विमानों को ग्राउंडेड करना पड़ा जिसकी वजह से वित्तीय संकट पैदा हुआ.

Also Read: गो फर्स्ट की आपदा में टाटा, इंडिगो के लिए अवसर, कंपनी के विमानों पर नजर

19 मई तक फ्लाइट्स रद्द

गो फर्स्ट ने पहले 3-5 मई तक उड़ानों को रद्द किया था, इसके बाद इसे 9 मई तक बढ़ाया गया और फिर 12 मई तक उड़ानों को रद्द किया गया, अब आज गो फर्स्ट ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि उसके उड़ानें 19 मई तक रद्द हैं. सोमवार को DGCA ने आदेश जारी करके गो फर्स्ट से टिकटों की बिक्री रोकने का आदेश जारी किया था.

गो फर्स्ट पर 11,463 करोड़ की देनदारियां

गो फर्स्ट पर 11,463 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं, इसे देखते हुए एयरलाइन से ट्रिब्यूनल से ये भी मांग की थी कि विमान पट्टेदारों को किसी भी तरह की रिकवरी की कार्रवाई करने से रोका जाए, साथ ही एविएशन रेगुलेटर DGCA और जरूरी वस्तुओं और सेवाओं के सप्लायर्स को उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने से रोकने के लिए एक आदेश की भी मांग की थी.

NCLT के फैसले से गो फर्स्ट को बड़ी राहत मिली है.