E-Commerce: PhonePe के 'Pincode' पर पीयूष गोयल का निशाना, कहा- ONDC पर अलग ऐप की जगह नहीं

PhonePe की ओर से ONDC स्पेसिफिक ऐप लॉन्च किए जाने के एक महीने से भी कम समय बाद केंद्रीय मंत्री का ये बयान आया है.

Source: Twitter@ONDC

Open Network for Digital Commerce: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा, 'सरकार नहीं चाहती है कि कंपनियां अपना ONDC-स्पेसिफिक प्लेटफॉर्म बनाएं. बल्कि वे 'ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स' (ONDC) के मेन प्लेटफॉर्म पर साथ आएं.'

PhonePe की ओर से ONDC स्पेसिफिक ऐप लॉन्च किए जाने के एक महीने से भी कम समय बाद केंद्रीय मंत्री का ये बयान आया है.

नई दिल्ली में मंगलवार को 'Enabling Bharat 2.0' कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 'डेमोक्रेटाइजिंग डिजिटल कॉमर्स इन इंडिया' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत में ई-कॉमर्स के विस्तार के साथ ONDC की भूमिका और कार्यप्रणाली और उद्देश्य बताए गए हैं.

ONDC के मंच पर साथ आएं कंपनियां

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक बार फिर ई-कॉमर्स कंपनियों से ONDC प्लेटफॉर्म पर एक साथ आने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार ONDC नेटवर्क में शामिल होने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों का एक मेन प्लेटफॉर्म चाहती है, बजाय अलग-अलग ऐप बनाने के. हमारा इरादा बिल्कुल ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा, 'मैं ONDC के CEO कोशी (Koshy) से ऐसी कंपनियों को ONDC से बाहर करने के लिए कहूंगा, जो मेन प्लेटफॉर्म पर साथ नहीं आ रहे हैं.

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नाम लिए बगैर साधा निशाना

PhonePe का नाम लिए बगैर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक विक्रेता के रूप में ONDC का फायदा लेने का ये एक अनुचित तरीका है. उन्होंने कहा, 'कुछ दिन पहले, एक कंपनी ने ONDC-स्पेसिफिक प्लेटफॉर्म बनाया है. हम इसका समर्थन नहीं करते.'

बता दें कि फोनपे ने 4 अप्रैल को अपने पिनकोड ऐप के माध्यम से हाइपरलोकल ई-कॉमर्स में एंटर किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्सिस बैंक भी विशेष रूप से ONDC के लिए एक अलग ऐप बना रहा है. उन्होंने कहा कि ONDC के CEO से वो ऐसी कंपनियों को ONDC के मंच से निकाल बाहर करने के लिए कहेंगे.

ONDC है क्या, आपके लिए कैसे फायदेमंद है?

ONDC एक तरह का सरकारी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस है, जहां बड़े दुकानदारों की तरह छोटे से छोटे किराना व्यापारी भी रजिस्ट्रेशन कराकर अपना सामान बेच सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर खुदरा और थोक खरीदारों को किसी भी रजिस्टर्ड वेंडर से सामान खरीदने की सुविधा मिलती है.

ONDC एक तरह की ओपन रजिस्ट्री होगी. किसी रिटेलर को ऑनलाइन सामान बेचने के लिए अलग-अलग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर नहीं कराना होगा. इस प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए दुकानदारों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.

इस प्लेटफॉर्म के जरिए लोग साबुन-तेल की खरीदारी से लेकर, रेल टिकट-हवाई टिकट बुकिंग, फूड ऑर्डर और डिलीवरी, होटल बुकिंग वगैरह कर पाएंगे.

ग्राहकों को यहां एक ही मंच पर ग्राहक, सभी ई-कॉमर्स साइट्स से एक साथ शॉपिंग कर सकते हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि कोई ग्राहक ONDC पर पेटीएम से Login करेगा तो उसे केवल पेटीएम के सेलर्स के प्रोडक्ट नहीं बल्कि, अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, मीशो जैसे सेलर्स के भी प्रोडक्ट दिखेंगे और वे उनकी खरीदारी कर सकेंगे.

इन सेगमेंट में शॉपिंग और सेवाएं

  • ग्रॉसरी (Grocery)

  • फैशन एंड लाइफस्टाइल (Fashion & Lifestyle)

  • इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)

  • ऑनलाइन फूड​ डिलीवरी (Online food delivery)

  • फार्मास्यूटिकल्स (Pharmaceuticals)

  • मोबिलिटी (Mobility)

  • हॉस्पिटैलिटी (Hospitality)

  • कंस्ट्रक्शन मेटेरियल्स (Construction materials)

  • कृषि (Agriculture)

  • वित्तीय सेवाएं (Financial services)

  • लॉजिस्टिक (Logistics)

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सभी छोटे-बड़े दुकानदारों को आमंत्रण

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम ई-कॉमर्स क्षेत्र में बड़ी तकनीक से पैदा होने वाली समस्याओं से जूझ रहे थे, जो पूरे देश में छोटे रिटेल के लिए खतरा बन सकते हैं. अभी रिटेल, ई-कॉमर्स का केवल 3-4% है, लेकिन भविष्य में ये काफी बढ़ने वाला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, 140 करोड़ भारतीयों के बारे में सोचते हुए कोई योजना बनाती है.

गोयल ने कहा कि ONDC किसी के नुकसान के लिए काम नहीं करेगा. हम सभी छोटे-बड़े खुदरा विक्रेताओं को नेटवर्क में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारी कंपनियों का स्वागत है, चाहें वो लोकल हों, नेशनल हों या ग्लोबल, सभी ONDC के प्लेटफॉर्म पर आएं.

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