AC मार्केट में हैवेल्स की बड़ी तैयारी लेकिन रेट कम नहीं करेगा, प्लानिंग जानिए

AC Market Price War: देश में एसी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, साथ ही बढ़ रहा है कंपटीशन. हैवेल्स (Havells) का एसी ब्रांड लॉयड (Lloyd) बाजार में छा जाना चाहता है. लेकिन बढ़ते कंपटीशन के बाद भी रेट कम करने को भी तैयार नहीं है. जानिए क्या चाहता है हैवेल्स

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भारत में एयर कंडीशनिंग (Air Conditioning) बाजार तेजी से बढ़ रहा है. इस वजह से 'प्राइज वार' यानी रेट को कम करने का कंपटीशन भी शुरू हो गया है. इसके बावजूद हैवेल्स (Havells India Ltd.) अपने प्रोडक्ट्स का रेट कम करने के बिलकुल मूड में नहीं है. यहां तक कि हैवेल्स ने 'प्राइज वार' जैसी किसी बात को भी नकार दिया है.

हालांकि मार्केट में सभी कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर और नए-नए प्रोडक्ट लॉन्च करके मार्केट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही हैं.

हैवेल्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (Executive Director) योगेश गुप्ता ने कहा कि,

"हम केवल घरेलू (Domestic) मांग पर ही केवल निर्भर नहीं हैं, हम विशाल अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग के हिसाब से काम करते हैं इसलिए मुझे लगता है कि प्राइज वार का कोई सवाल ही नहीं है."
योगेश गुप्ता, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, हैवेल्स

हैवेल्स क्यों नहीं बढ़ाएगा रेट

योगेश गुप्ता ने कहा कि वो ब्रैंड की क्षमता को बढ़ा रहे हैं. ये काम वो भारत के लॉन्ग टर्म ग्रोथ (Long Term Growth) को ध्यान में रखकर कर रहे हैं, न कि एक या दो साल में क्या पाना है इसे ध्यान में रखकर.

दो साल के खराब बिजनेस के बाद इस साल मिस्टर गुप्ता को 'अच्छे ग्रोथ' की उम्मीद है. उनके मुताबिक, AC की बिक्री का ये सीजन पॉजिटिव नोट के साथ शुरू हुआ है. इस बार दक्षिण भारत में अच्छी बिक्री देखी जा रही है, जोकि फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही शुरु हो गई है.

जनवरी में हैवेल्स मैनेजमेंट की ओर से कहा गया कि लॉयड्स की एनर्जी रेटिंग बढ़ने की वजह से लागत में आने की बढ़ोतरी को सहन कर लिया गया और अपने रेट नहीं बढ़ाए, उम्मीद है कि आगे भी प्रोडक्ट्स के रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे.

मार्केट में छा जाने की योजना

हैवेल्स की AC बनाने वाले ब्रांड का नाम लॉयड (Lloyd) है. लॉयड ने मंगलवार को प्रीमियम एसी (Premium AC) के एक नए सीरीज को लॉन्च किया है. ये नए मॉडल मूड लाइटिंग और एसी के रंग बदलने कवर के फीचर्स से लैस हैं. लॉयड की इस सीजन में कुल 120 से अधिक मॉडल बाजार में लाने की योजना है.

वर्तमान में हैवेल्स 30 देशों में रूम एयर कंडीशनर का निर्यात कर रहा है. इसमें सार्क देशों समेत, मिडिल ईस्ट के देश, अमेरिका और अफ्रीकी देश शामिल हैं.

इसने आंध्र प्रदेश के श्री सिटी नया प्लांट लगाया है. जिससे बढ़ती विदेशी मांग को पूरा करने की उम्मीद है. कंपनी का दावा है कि एक साल में 10 लाख एयर कंडीशनर बनाने की इस प्लांट की क्षमता है. जोकि उसके सालाना प्रोडक्शन को दोगुना कर देगा.

घाटे में है बिजनेस

हैवेल्स ने 2017 में 1,600 करोड़ रुपये में BR पुंज ग्रुप से (BR Punj Group) लॉयड इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (Lloyd Electrical and Engineering Ltd.) के एसी बिजनेस का अधिग्रहण किया. हालांकि, ब्रांड अभी तक फायदे में नहीं रहा है. चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों में, लॉयड  के रेवेन्यू में 16% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन दिसंबर तक लॉयड के 652 करोड़ रुपये के घाटे में था.

बाकी खिलाड़ियों का प्रदर्शन

इस बाजार के बाकी खिलाड़ी भी कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं.

जॉनसन (Johnson) की हिताची एयर कंडीशनिंग (Hitachi Air Conditioning) के दिसंबर तिमाही के रेवेन्यू को देखें तो हिताची के रेवेन्यू में 42% की कमी आई है. इसका रेवेन्यू लगातार 6 तिमाही से गिर ही रहा है. वोल्टास (Voltas) का मार्केट शेयर बीते पांच सालों में 2 परसेंट तक गिर चुका है. हालांकि ब्लू स्टार (Blue Star) अपने मार्केट शेयर को 13.7% से बढ़ाकर 15% करना चाह रहा है.

2028 तक दो दुना हो जाएगा एसी मार्केट

जर्मन रिसर्च कंपनी स्टेटिस्टा (Statista) के आंकड़ों के मुताबिक, एसी की बिक्री 2010 से चौगुनी होकर 2023 में करीब 1 करोड़ यूनिट हो गई है और अब 2028 तक इसके दोगुनी होने का अनुमान है.

रेवेन्यू के लिहाज से, AC का बाजार 6 अरब डॉलर का है और इसके सालाना 17% के बढ़ने का अनुमान है. वोल्टास (Voltas) मार्केट लीडर है और उसके बाद ब्लू स्टार (Blue Star) है.

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लेखक सेसा सेन