सनसनी और अस्थिरता पैदा करके मुनाफा कमाना हिंडनबर्ग का मकसद: मुकुल रोहतगी

साल भर से ज्यादा वक्त से पहले इन्होंने अदाणी ग्रुप को चुना, मेरे पास उनके सभी आरोपों को देखने का मौका था, क्योंकि मैं उस केस में शामिल था. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, अथॉरिटीज ने इस पर गौर किया और आखिर में कुछ भी नहीं मिला: मुकुल रोहतगी

Source: NDTV Profit

'हिंडनबर्ग एक ऐसी संस्था है जिसकी कोई विश्सनीयता नहीं है' ये कहना है भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी का, उन्होंने एक वीडियो इंटरव्यू में हिंडनबर्ग के ताजा रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है इसका मकसद सनसनी पैदा करके मुनाफा कमाना है.

अदाणी मामले में कुछ भी नहीं मिला: मुकुल रोहतगी

मुकुल रोहतगी का कहना है कि हिंडनबर्ग की अब कोई विश्वसनीयता नहीं है, इसकी सोच सिर्फ सनसनी पैदा करना, शेयर बाजार में अस्थिरता पैदा करना, एक अनिश्चतिता का माहौल बनाना और फिर शॉर्ट सेलिंग वगैरह के जरिए मुनाफा कमाने की है और यही इसका उद्देश्य है.

उन्होंने कहा कि साल भर से ज्यादा वक्त से पहले इन्होंने अदाणी ग्रुप को चुना, मेरे पास उनके सभी आरोपों को देखने का मौका था, क्योंकि मैं उस केस में शामिल था. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, अथॉरिटीज ने इस पर गौर किया और आखिर में कुछ भी नहीं मिला और उस मामले का निपटारा कर दिया गया. रोहतगी आगे कहते हैं कि अब इन्होंने एक बार फिर उसी ग्रुप पर योजना बनाकर हमला किया है, जिसमें SEBI चीफ को भी लपेटा गया है, मुझे लगता है कि इसमें पूरी तरह से विश्वसनीयता की है.

हिंडनबर्ग के आरोपों पर SEBI का जवाब 

हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त सनसनी पैदा करने के मकसद से एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उसने SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसका विस्तारपूर्वक जवाब दोनों की तरफ से दिया गया.

SEBI ने भी अलग से एक जवाब दिया है, जिसमें रेगुलेटर ने साफ किया है कि जो भी आरोप हिंडनबर्ग ने SEBI चीफ पर लगाए हैं, बिल्कुल बेबुनियाद हैं.

हिंडनबर्ग की हालिया रिपोर्ट पर मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बयान जारी करते हुए निवेशकों को शांत रहने की सलाह दी है. SEBI ने ऐसी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से पहले शांत होकर तथ्यों की जांच पड़ताल (Due Diligence) कर लेने का सुझाव दिया.

SEBI ने बयान जारी कर कहा है कि निवेशकों को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के डिस्क्लेमर पर भी ध्यान देना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के पास रिपोर्ट में शामिल सिक्योरिटीज में शॉर्ट पोजीशन हो सकती है.

मार्केट रेगुलेटर ने कहा है, 'हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि SEBI ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. ये बीते 27 जून को हिंडनबर्ग को भेजे गए शो-कॉज यानी कारण बताओ नोटिस की कार्रवाई पर सवाल उठाता है.' इसकी प्रतिक्रिया में SEBI ने कहा कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ विशेष रूप से हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की SEBI ने विधिवत जांच की है.

हिंडनबर्ग के आरोपों पर अदाणी ग्रुप का जवाब

शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग के लगाए गए नए आरोपों पर अदाणी ग्रुप ने भी जवाब दिया है. अदाणी ग्रुप ने कहा है कि शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग अपने फायदे के लिए फिर से झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहा है. जिन आरोपों को मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया गया था, हिंडनबर्ग उनकी ही रीसाइक्लिंग कर रहा है और पहले से तय निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पब्लिक में मौजूद जानकारी का गलत उपयोग कर रहा है. इतना ही नहीं हिंडनबर्ग तथ्यों और नियमों की अवमानना भी कर रहा है.

अदाणी ग्रुप ने इस फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि वो इन रीसाइक्लिंग कर के लाए गए आरोंपों का पूरी तरह से खंडन करता है. इन सारे आरोपों की पहले ही विस्तृत जांच की जा चुकी है और ये सभी आरोप आधारहीन साबित हो चुके है. सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था.