आइसक्रीम बिजनेस अलग करेगी हिंदुस्तान यूनिलीवर, जानिए क्या है प्लान 

पेरेंट कंपनी यूनिलीवर (Unilever) ने अपनी 7.9 बिलियन यूरो की आइसक्रीम कंपनी को अलग करने की घोषणा की है. ये काम 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा. सवाल ये है कि भारत में HUL अपने किस-किस बिजनेस पर फोकस करने वाला है.

Source: Reuters

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Ltd.) अपने आइसक्रीम बिजनेस (Ice Cream Business) के लिए कई तरह के विकल्पों पर काम कर रही है.

हाल ही में पेरेंट कंपनी यूनिलीवर (Unilever) ने अपनी 7.9 बिलियन यूरो की आइसक्रीम कंपनी को अलग करने की घोषणा की थी. जिसके डिमर्जर का काम 2025 के अंत तक पूरा हो जाएगा.

7,500 कर्मचारियों को हटाएगा HUL 

यूनिलीवर ने कॉस्ट कटिंग की भी योजना बनाई है, जिसके तहत यूनिलीवर दुनियाभर में फैली अपनी कंपनियों से 7,500 कर्मचारियों को हटाएगा. इससे अगले तीन साल में 800 मिलियन यूरो की बचत होगी.

HUL के एक प्रवक्ता के मुताबिक,

"आइसक्रीम बिजनेस पूरी तरह एक अलग तरह का बिजनेस मॉडल है. इसके लिए पूरी कोल्ड चेन की जरूरत पड़ती है. फैक्ट्री से लेकर ट्रांसपोर्टेशन और आखिर में सेल्स, सबके लिए कोल्ड स्टोरेज चाहिए. मौसम के हिसाब से तैयारी की जाती है. इसका ऑपरेशन मॉडल HUL के दूसरे बिजनेस से पूरी तरह अलग है."

'सिम्फनी' प्रोग्राम का फायदा

HUL के मुताबिक लागत घटाने के कार्यक्रम 'सिम्फनी' से उसे बहुत फायदा हुआ है. कंपनी के एक प्रवक्ता के मुताबिक, "P&L पर बारीक निगरानी और फोकस बनाने की वजह से, हम हर साल लागत में टर्नओवर के 6% के बराबर की कुल बचत कर रहे हैं."

इस बचत से कंपनी को ग्रोथ के लिए पर्याप्त संसाधन मिल रहे हैं. बचत के इस पैसे को कंपनी अपने ब्रैंड्स को ज्यादा कंपटीटिव बनाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने पर खर्च कर रही है.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि, “भारत में हमें यूनिलीवर के ग्लोबली प्रोडक्टविटी मैनेजमेंट कार्यक्रमों का फायदा मिल रहा है. हम इसके लिए 'सिम्फनी' कार्यक्रम को अगले लेवल पर लेकर जाएंगे"

हम आपको बता दें को 'सिम्फनी' प्रोग्राम के तहत कंपनी हर स्तर पर खर्च कम करने पर फोकस कर रही है.

अन्य संभावनाएं

नुवामा सिक्योरिटीज (Nuvama Securities) के विश्लेषक अबनीश रॉय (Abneesh Roy) के मुताबिक,

"HUL में किसी बड़े बदलाव की 'कम संभावना' है. "HUL का आइसक्रीम कारोबार भारत में उसके कारोबार का 3% से भी कम है. लेकिन इसकी पैरेंट कंपनी यूनिलीवर के लिए ये लगभग 13-15% है. यहां पर ये बात भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि जब यूनिलीवर जब दूसरे देशों में अपने चाय कारोबार को बेच रहा था, उसी समय इसने भारत में चाय को कारोबार को बनाए रखने का निर्णय लिया था."

बता दें कि, दुनियाभर में फेमस क्वालिटी वॉल्स (Kwality Wall’s), कॉर्नेटो (Cornetto) और मैग्नम (Magnum) नाम से अपने फ्रोजन/Ice प्रोडक्ट बेचने वाली यूनिलीवर ने वित्त वर्ष 2023 में ऑपरेशन्स से 59,144 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है.

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