आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट के प्रचलन पर 30 सितंबर के बाद से रोक लगा दी है. साथ ही आरबीआई ने लोगों को कहा है कि जल्द ही वे 2000 रुपये के नोटों को बदलवा लें. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक प्रचलन में 2,000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य घटकर कुल का 10.8 प्रतिशत रह गया है.
धीरे-धीरे घट गई 2000 नोटों का प्रतिशत
मार्च 2017 से पहले 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे और 4-5 साल के अपने अनुमानित जीवन काल के अंत में हैं, आरबीआई ने यह बात 19 मई को कही थी.
2018 में चरण पर था चलन
केंद्रीय बैंक ने कहा कि प्रचलन में इन बैंक नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 को अपने चरम पर 6.73 लाख करोड़ रुपये से गिर गया है (संचलन में 37.3 प्रतिशत नोट) 31 मार्च, 2023 को प्रचलन में नोटों का केवल 10.8 प्रतिशत यानी 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
लेन-देन में कम प्रयोग होने लगा
केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस मूल्यवर्ग का इस्तेमाल आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है. इसके अलावा, जनता की मुद्रा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है. इससे पहले आरबीआई ने कहा था कि वह समीक्षा के आधार पर 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस ले रहा है. हालांकि, 2,000 रुपये के मूल्यवर्ग के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे.
31 लाख 33 हजार करोड़ के कुल नोट चलन में
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 31 लाख 33 हजार करोड़ रुपये की नोट चलन में हैं. इसमें से 2000 के नोट कुल 3 लाख 13 हजार करोड़ रुपये है. बता दें कि मार्च 2018 में 6.73 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट चलन में मौजूद थे, लेकिन मार्च 2023 में 2000 रुपये के नोट की संख्या घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गई थी.