अगर दिल्ली में है आपकी प्रॉपर्टी, आप के लिए ये है अच्छी खबर

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) की ताजा रियल एस्टेट रिपोर्ट के अनुसार आवास ऋण महंगा होने के इस दौर में भी दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट बाजार में तेजी बनी हुई है और मकानों के दाम पिछले छह महीने में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़े हैं.

प्रतीकात्मक फोटो

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमओएफएसएल) की ताजा रियल एस्टेट रिपोर्ट के अनुसार आवास ऋण महंगा होने के इस दौर में भी दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट बाजार में तेजी बनी हुई है और मकानों के दाम पिछले छह महीने में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़े हैं. यह रिपोर्ट में गुरुग्राम, नोएडा और दिल्ली के प्रमुख बाजारों की आठ परियोजनाओं पर आधारित है. ये परियोजनाएं बड़ी निजी अचल सम्पत्ति विकास कंपनियों की हैं. रिपोर्ट के अनुसार इस बाजार में प्रीमियम खंड (ढाई करोड़ रुपये से अधिक मूल्य) के मकानों की मांग पर ब्याज दर में वृद्धि से काफी हद तक अप्रभावित रहती है, लेकिन इस समय दिल्ली-एनसीआर के बाजार में मध्यम आय वर्ग (1-1.25 करोड़ रुपये मूल्य के) के मकानों के बाजार में भी निवेशकों की बढ़ती मांग के कारण तेजी बनी हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय इस बाजार में पिछले 11 वर्षों के इन्वेंटरी के चलते महिंद्रा ल्यूमिनेयर, सोभा सिटी, आशियाना अनमोल, डीएलएफ और गोदरेज वुड्स की परियोजनाओं को ग्राहकों का जोरदार समर्थन मिला है.
एमओएफएसएल ने कहा है कि पिछले छह महीनों में, एनसीआर में सूक्ष्म-रियल एस्टेट बाजारों में संपत्ति की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दिखी है और कीमतों में यह तेजी “मजबूत मांगऔर सीमित आपूर्ति से प्रेरित है.”
रिपोर्ट के अनुसार ऐसी परियोजनाओं में  20-30 प्रतिशत खरीद निवेश के निर्णय से संचालित रही हैं और न्यू गुरुग्राम और द्वारका-एक्सप्रेस-वे के साथ के क्षेत्रों जैसे उभरते सूक्ष्म बाजारों में निवेश के लिए की जाने वाली खरीद 40-50 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन, सोहना रोड न्यू गुरुग्राम ने पिछले छह महीनों में मूल्य वृद्धि तेज रही है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के इन तीनों बाजारों में आपूर्ति बाधित बनी हुई है, प्रत्येक सूक्ष्म बाजार में चार-पांच से अधिक सक्रिय डेवलपर नहीं हैं. कंपनियां एक बार में कुल इन्वेंट्री का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं जारी करने के साथ एक नपे-तुले तरीके से परियोजनाएं पेश कर रही हैं.
रिपोर्ट के अनुसार इन बाजारों में भूमि की कीमतें पिछले दो वर्षों में दोगुनी हो गई हैं जिससे परियोजनाएं  आर्थिक रूप से अव्यवहार्य हो गई हैं तथा सीमित भूमि भंडार वाले डेवलपर की ओर से आपूर्ति सीमित हो गई है. नोएडा में विकास के लिए निर्धारित अधिकांश भूमि के लाइसेंस अब दिए जा चुके हैं और जिन डेवलपर कंपनियों में क्षमता है वे निर्माण कार्य कर रही हैं. नोएडा-ग्रेटर नोएडा-यमुना प्राधिकरण ने वाणिज्यिक और औद्योगिक भूखंडों की नीलामी शुरू कर दी है, जबकि आवासीय भूखंड सीमित हैं.

लेखक NDTV Profit Desk