भारत को मिली स्विस बैंक अकाउंट्स डिटेल की चौथी लिस्ट, IT डिपार्टमेंट की होगी निगरानी

स्विस बैंक के अधिकारियों ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के गोपनीयता खंड और आगे की जांच पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए विशिष्टताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेटा का इस्तेमाल संदिग्ध टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग समेत वित्त पोषण से जुड़े अन्य गलत कामों की जांच में बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

भारत को वार्षिक स्वचालित सूचना विनिमय के हिस्से के रूप में अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक अकाउंट की डिटेल (Swiss Bank Account Details) का चौथा सेट प्राप्त हुआ है. इसके तहत स्विट्जरलैंड ने 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख वित्तीय खातों की डिटेल शेयर की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ शेयर की गई नई डिटेल "सैकड़ों वित्तीय खातों" से संबंधित है. इसमें कुछ व्यक्तियों, कॉरपोरेट्स और ट्रस्टों से जुड़े कई खातों के कई मामले शामिल हैं. अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन खातों की निगरानी करेगा.

स्विस बैंक के अधिकारियों ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के गोपनीयता खंड और आगे की जांच पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए विशिष्टताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि डेटा का इस्तेमाल संदिग्ध टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग समेत वित्त पोषण से जुड़े अन्य गलत कामों की जांच में बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

स्विस बैंक को दुनिया भर के तानाशाहों, भ्रष्ट राजनेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों की सबसे सुरक्षित तिजोरी माना जाता है. बीते कई दशकों से स्विस बैंक भारतीय राजनीति का भी केंद्र रहा है. स्विटजरलैंड में पहले बैंक की स्थापना 1713 में हुई थी. फिलहाल स्विटजरलैंड में करीब 400 से अधिक बैंक कार्यरत हैं.

ये तमाम बैंक स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट के गोपनीयता कानून के सेक्शन 47 के तहत बैंक अकाउंट खोलने का अधिकार रखते हैं. लेकिन, हम जिस स्विस बैंक की चर्चा करते हैं वह दरअसल UBS है, जिसे पूरी दुनिया में “स्विस बैंक” के नाम से जाना जाता है. इसकी स्थापना 1998 में यूनियन बैंक ऑफ़ स्विट्जर्लैंड और स्विस बैंक कारपोरेशन के विलय के बाद हुई थी. ये विश्व की टॉप 3 बैंक में से एक बैंक है. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जूरिक और बसेल में है. 

फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नए देश जोड़े गए. अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख की वृद्धि हुई है. भारत को एईओआई (सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान) के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था. उस समय इसमें 75 देश शामिल थे. पिछले साल भारत ऐसे 86 साझेदार देशों में शामिल था.

हालांकि, लेनदेन की जानकारी 74 देशों के साथ पारस्परिक थी, जिसे स्वीटजरलैंड ने प्राप्त किया. लेकिन रूस सहित 27 देशों के मामले में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई. क्योंकि वे देश अभी तक गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं. हालांकि, एफटीए ने सभी 101 देशों के नामों और आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया. अधिकारियों ने कहा कि भारत लगातार चौथे वर्ष सूचना प्राप्त करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल है. भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए विवरण बड़ी संख्या में व्यक्तियों और संगठनों से संबंधित हैं, जिनके खातें स्विस बैंक में हैं.

अधिकारियों ने कहा कि यह आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ था और सूचना का अगला सेट स्विट्जरलैंड द्वारा सितंबर 2023 में साझा किया जाएगा.

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत द्वारा प्राप्त AEOI डेटा उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत अभियोजन मामला स्थापित करने के लिए काफी उपयोगी रहा है, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है. क्योंकि यह जमा और हस्तांतरण के साथ-साथ सभी आय का पूरा विवरण देती है. इसमें प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) में निवेश और अन्य निवेश भी शामिल है.

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि विवरण ज्यादातर व्यवसायियों से संबंधित हैं. इनमें एनआरआई भारतीय भी शामिल हैं, जो अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और यहां तक ​​​​कि कुछ अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी बस गए हैं.

बता दें कि डेटा संरक्षण और गोपनीयता पर भारत में आवश्यक कानूनी ढांचे की समीक्षा सहित, एक लंबी प्रक्रिया के बाद स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ AEOI के लिए सहमति व्यक्त की थी. जिसके बाद स्विस बैंक के अकाउंट्स डिटेल शेयर किए जा रहे हैं.

साझा किये गये ब्योरे में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है. इसमें नाम, पता, निवास वाले देश का नाम और कर पहचान संख्या के साथ-साथ खाते में राशि और पूंजीगत आय से संबंधित सूचना शामिल हैं.


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लेखक NDTV Profit Desk
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