भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT सर्विस प्रोवाइडर फर्म इंफोसिस (Infosys) ने इंटरनल असेसमेंट में विफल रहने वाले 195 और ट्रेनी कर्मचारियों को निकाल दिया है. कंपनी की ओर से भेजे गए ईमेल में ये जानकारी सामने आई है.
कंपनी ने ईमेल में जानकारी दी है कि फाइनल असेसमेंट के रिजल्ट के वैल्यूएशन के बाद नोटिस दिया जाता है कि आपने तैयारी के समय, डाउट क्लियरिंग सेशन, कई मॉक इवैल्यूएशन और तीन अटैम्ट के बावजूद 'जेनेरिक फाउंडेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम' में क्लाइफिकेशन हासिल करने के स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं किया है.
150 ट्रेनियों ने आउटप्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया
इस महीने की शुरुआत में ही कंपनी ने 240 ट्रेनियों को निकाला था. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने निकाले हुए ट्रेनियों को NIIT और अपग्रेड के साथ ट्रेनिंग कोर्सेस ऑफर किए जिसका पेमेंट कंपनी करेगी. अब तक 250 ट्रेनियों ने अपग्रेड और NIIT से ट्रेनिंग पूरी की हुई है. इसमें 150 ट्रेनियों ने आउटप्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.
कंपनी BPM (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) इंडस्ट्री में संभावित रोल के लिए एक महीने की सैलरी, आउटप्लेसमेंट सर्विसेज, 12 हफ्ते का ट्रेनिंग प्रोग्राम या IT करियर रूट के लिए IT बेसिक प्रिंसिपल पर 24 हफ्ते का ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर कर रही है.
कंपनी देती है मौका
इंफोसिस के CEO सलिल पारेख ने कहा था कि कंपनी का प्रशिक्षण और वैल्यूएशन करने का एक कठोर तरीका है. हर बार जब कोई ट्रेनी बैच आता है, तो उन्हें परीक्षण के तीन अवसर मिलते हैं. यदि वे सफल होते हैं, तो वे इसमें शामिल हो जाते हैं और नहीं हो पाते हैं तो कंपनी उन्हें बाहर अवसर खोजने में मदद करती है.
छंटनी के पहले दौर के बाद, कर्नाटक श्रम मंत्रालय ने बर्खास्तगी की जांच की थी और निष्कर्ष निकाला था कि श्रम कानूनों का उल्लंघन हुआ था. अधिकारियों ने इस मुद्दे की जांच करने के लिए इंफोसिस मैसूर परिसर का दौरा किया था, जहां कंपनी ने अपनी भर्ती प्रक्रिया और नए कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का कारण स्पष्ट किया था. इंफोसिस ने कर्मचारियों को अपने कम्युनिकेशन में स्पष्ट किया है और किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं किया है.