IRCTC और IRFC को मिला 'नवरत्न' का दर्जा, इससे क्‍या फायदे होंगे?

नवरत्न दर्जा, उन CPSEs को दिया जाता है, जो विशिष्ट फाइनेंशियल और ऑपरेशनल स्‍टैंडर्ड्स को पूरा करते हैं.

केंद्र सरकार ने रेलवे से जुड़ी दो नामी कंपनियों को 'नवरत्न' का दर्जा दिया है. इनमें से एक है- IRCTC यानी भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड और दूसरी है- IRFC यानी भारतीय रेलवे वित्त निगम लिमिटेड. पब्लिक सेक्‍टर की दोनों कंपनियों (CPSEs) 'नवरत्न' का दर्जा मिला है.

इससे पहले तक 24 कंपनियों को ये दर्जा मिल चुका है. अब IRCTC, 25वां नवरत्न बन गई, जबकि IRFC, 26वां नवरत्न बन गई है.

दोनों कंपनियों की ग्रोथ अच्छी

पब्लिक एंटरप्राइजेज डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दो अलग-अलग पोस्ट में बताया है कि दोनों कंपनियां अच्छी ग्रोथ कर रही है.

IRCTC ने FY 2024 के मार्च तक 4,270.18 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर, 1,111.26 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट और 3,229.97 करोड़ रुपये की नेट वर्थ रिपोर्ट की.

वहीं, IRFC ने इसी अवधि में 26,644 करोड़ रुपये का टर्नओवर, 6,412 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट और 49,178 करोड़ रुपये की नेट वर्थ दर्ज की.

'नवरत्न' के मायने

नवरत्न दर्जा, उन CPSEs को दिया जाता है, जो विशिष्ट वित्तीय और संचालन संबंधी मानदंडों को पूरा करते हैं. इससे उन्हें निवेश और निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता मिलती है. नवरत्न कंपनियां, सरकार की मंजूरी के बिना सिंगल प्रोजेक्ट में 1,000 करोड़ रुपये या अपनी नेट वर्थ का 15% तक निवेश कर सकती हैं. एक वित्त वर्ष में कुल निवेश की सीमा 30% होती है.

नवरत्न कंपनियां

इस अपग्रेडेशन के साथ, IRCTC और IRFC अन्य नवरत्न CPSEs के साथ जुड़ गए हैं, जिनमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड(BEL), कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और अन्य कंपनियां शामिल हैं.

पिछले सितंबर में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय जलविद्युत शक्ति निगम, सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन और रेलटेल कॉर्पोरेशन को 'नवरत्न' का दर्जा दिया गया था. जुलाई 2024 में मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को भी नवरत्न कंपनियों के समूह में शामिल किया गया.

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