शुक्रवार को जेट एयरवेज (Jet Airways) के CEO-डेजिग्नेट संजीव कपूर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. गौर करने वाली बात ये है कि कपूर का इस्तीफा, कंपनी के एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट की समय सीमा समाप्त होने से ऐन पहले आया है. आपको बता दें कि कंपनी का एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट 19 मई 2023 को एक्सपायर हो जाएगा. संजीव कपूर ने पिछले साल 4 अप्रैल को CEO-डेजिग्नेट का पदभार संभाला था.
इस साल जनवरी में एयरलाइन ने जानकारी दी थी कि कंपनी के CEO-डेजिग्नेट संजीव कपूर तब तक अपने पद पर रहेंगे, जब तक दुबई स्थित मुरारी लाल जालान और UK की कालरॉक कैपिटल को अपना स्वामित्व ट्रांसफर नहीं कर देती.
इस्तीफे पर संजीव कपूर ने क्या कहा?
JKC की प्रेस रिलीज के अनुसार, संजीव कपूर ने कहा, 'मुझे गर्व है कि हमने मिलकर ग्राउंड ब्रेकिंग बिजनेस प्लान तैयार किया, लेकिन मुझे खेद है कि जैसा हमने 2022 में प्लान किया था, वैसा ऑपरेशन हम रीस्टार्ट नहीं कर पाए. मुझे पता है कि JKC पूरी तरह जेट एयरवेज के रिवाइवल के लिए प्रतिबद्ध है और मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.'
जालान-कालरॉक समूह (JKC) ने इस मामले में एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि वो जेट एयरवेज को रिवाइव करने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. 1 मई, संजीव कपूर का कंपनी में आखिरी दिन होगा. JKC जल्द ही नए CEO का ऐलान करेगा.
जेट का ऑपरेटिंग लॉस और कर्ज बढ़ता जा रहा था और आखिरकार एक समय में देश की सबसे प्रीमियम एयरलाइन, 2019 में जमीन पर आ गई. बैंकरप्ट्सी की प्रक्रिया के बीच जालान-कालरॉक को बिडिंग का विजेता घोषित किया गया और एक उम्मीद बंधी कि शायद भविष्य में जेट फिर से उड़ान भर सके.
कहने को कंपनी को एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट बीते साल मई में मिल गया था लेकिन जालान-कालरॉक समूह और कर्जदाताओं के बीच बकाया पेमेंट को लेकर पेच फंस गया और आगे की प्रक्रिया में देरी होती चली गई.
किन पदों पर काम कर चुके हैं संजीव कपूर
4 अप्रैल 2022 को जेट एयरवेज का हिस्सा बनने से पहले संजीव कपूर ओबेरॉय ग्रुप में बतौर प्रेसिडेंट काम कर रहे थे.
ओबेरॉय ग्रुप के पहले कपूर ने मार्च 2016 में विस्तारा में चीफ स्ट्रैटजी एंड कमर्शियल ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाली. इस दौरान कंपनी ने 9 एयरक्राफ्ट और 40 फ्लाइट से बढ़ाकर 38 एयरक्राफ्ट और 200 फ्लाइट्स तक विस्तार किया. 31 दिसंबर 2019 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया और ओबेरॉय ग्रुप का हिस्सा बने.