भारत में वर्तमान चुनौतीपूर्ण समय ''एक अवसर'' साबित हो सकता है: अमेरिकी समूह

भारत केंद्रित एक अमेरिकी उद्योग-व्यापार मंडल ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन देश के लिए ‘‘एक अवसर’’ हो सकता है. समूह ने कहा कि इस कदम से सरकार के नीति निर्धारण में पारदर्शिता का पता चलता है, जिसके चलते विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी. भारत में कोरोना वायरस से 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 870 से अधिक संक्रमित हैं. इस महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन हफ्तों के लिए देशव्यापी बंद का ऐलान किया था.

भारत में सामने आई Coronavirus की पहली तस्वीर

भारत केंद्रित एक अमेरिकी उद्योग-व्यापार मंडल ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए भारत में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन देश के लिए ‘‘एक अवसर'' हो सकता है. समूह ने कहा कि इस कदम से सरकार के नीति निर्धारण में पारदर्शिता का पता चलता है, जिसके चलते विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी. भारत में कोरोना वायरस से 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 870 से अधिक संक्रमित हैं. इस महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन हफ्तों के लिए देशव्यापी बंद का ऐलान किया था.

अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने मोदी के फैसले को सही बताया. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं यहां (अमेरिका में) हर जगह सुन रहा हूं कि यह करना सही था और यह (प्रधानमंत्री के) नेतृत्व को दर्शाता है. उम्मीद है कि तीन सप्ताह के समय में भारत में चीजें अधिक नियंत्रण में होंगी.''

अघी ने कहा, ‘‘हालांकि, इस चुनौतीपूर्ण समय को भारत के लिए एक अवसर में बदला जा सकता है.'' उन्होंने कहा कि भारत एक ‘‘बहुत ही आकर्षक बाजार'' है और ‘‘ये सही है कि आपके सामने यह व्यवधान है लेकिन यह पूरी दुनिया में है और भारत कोई अपवाद नहीं है. वास्तव में, मुझे लगता है कि यह संकट भारत के लिए एक अवसर है.''

उन्होंने प्रधानमंत्री के बंद की घोषणा पर कहा कि इससे दुनिया को संदेश गया है कि चीन के विपरीत भारत अपने नीति निर्धारण में ‘‘खुला और पारदर्शी'' है. अघी ने कहा, ‘‘इसलिए वास्तव में कंपनियां वहां आगे बढ़ेंगी, जहां उन्हें लगता है कि अधिक खुलापन, अधिक पारदर्शिता है.'' साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बंद के दौरान वैश्विक आपूर्ति न प्रभावित हो. 

लेखक Bhasha