Mahadev Betting App Scam: ED की सर्च के बीच ईज माई ट्रिप की सफाई, कहा- किसी बेटिंग ऐप से कोई संबंध नहीं

महादेव बेटिंग ऐप के मालिकों पर करोड़ों की हेराफेरी के आरोप हैं और इस मामले में कई बड़ी सेलिब्रिटीज से भी पूछताछ हो चुकी है.

Source: NDTV Profit Gfx

सट्टेबाजी से जुड़े मामले में जांच एजेंसी की छापेमारी के बीच ऑनलाइन ट्रैवल सर्विस कंपनी ईज माई ट्रिप (EaseMyTrip) ने सफाई दी है. कंपनी का कहना है कि उसका महादेव बेटिंग ऐप से कोई संबंध नही है.

ये बयान तब आया जब ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव एप से जुड़े मामले की जांच के तहत कंपनी के गुरुग्राम ऑफिस पर सर्च किया. बता दें कि महादेव बेटिंग ऐप के मालिकों पर करोड़ों की हेराफेरी के आरोप हैं और इस मामले में कई बड़ी सेलिब्रिटीज से भी पूछताछ हो चुकी है.

बता दें कि ED की सर्च की खबर सामने आने के बाद गुरुवार सुबह कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई, लेकिन सफाई जारी करने के बाद शेयरों में फिर से उछाल देखा गया.

'हमारा किसी सट्टा प्‍लेटफॉर्म से संबंध नहीं'

कंपनी के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि ईज माई ट्रिप का महादेव बेटिंग एप से न तो सीधा और न ही परोक्ष रूप से कोई संबंध है और कम्पनी जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग कर रही है.

ईज माई ट्रिप ने कहा, 'जैसा कि सार्वजनिक जानकारी में बताया गया है, ED ने अलग अलग व्यक्तियों और कंपनियों के करीब 50 स्थानों पर छापे मारे. इनमें हमारा गुरुग्राम कार्यालय भी शामिल था.'

आगे कंपनी ने कहा, 'हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि ईज माई ट्रिप का महादेव बेटिंग ऐप या किसी भी अन्य सट्टा प्लेटफार्म से कोई संबध नही है. हमने जांच एजेंसी को पूरा सहयोग दिया है और आगे भी देते रहेंगे.'

जांच से जुडे एक सूत्र ने ANI को बताया कि अब तक ईज माई ट्रिप के कार्यालय से कुछ भी आपत्तिजनक नही मिला है.

दूसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी

ईज माई ट्रिप की स्थापना वर्ष 2008 में हुई थी. यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल सर्विस कंपनी है. इसे तीन भाइयों, निशांत, रिकांत और प्रशांत पिट्टी ने मिलकर शुरू किया था. इसका उद्देश्य यात्राओं को आसान बनाना और ग्राहकों को बेहतर सेवा देना है.

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सट्टा नेटवर्क की जांच जारी

ED लंबे समय से महादेव ऑनलाइन बुक नाम के एक बड़े सट्टा नेटवर्क की जांच कर रही है. ED का कहना है कि ये नेटवर्क अवैध ऑनलाइन सट्टा प्लेटफार्म चलाता है, जिसमे वो नए यूजर्स को जोड़ता है, फर्जी खातों के जरिये पैसा इधर-उधर करता है और इस पूरी व्यवस्था का संचालन दुबई से होता है. ये नेटवर्क अपने सदस्‍यों को प्रॉफिट का 70% देता है, जबकि 30% खुद रख लेता है.

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