महाराष्ट्र सरकार ने धारावी स्लम रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (Dharavi Slum Redevelopment Project) के लिए अदाणी ग्रुप (Adani Group) की बोली को मंजूरी दे दी है.
प्रोजेक्ट के CEO SVR श्रीनिवास ने BQ Prime को बताया कि इस संबंध में गवर्नमेंट रेजोल्यूशन (GR) भी जारी कर दिया गया है. जल्द ही लेटर ऑफ अवार्ड भी जारी किया जाएगा.
नवंबर, 2022 में अदाणी ग्रुप ने धारावी को फिर से विकसित करने के प्रोजेक्ट की बोली जीती थी. ग्रुप ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
एशिया का सबसे बड़ा स्लम
240 हेक्टेयर में फैला धारावी, एशिया का सबसे बड़ा स्लम है. इस प्रोजेक्ट की योजना दो दशक पहले बनाई गई थी, लेकिन इसमें कई दिक्कतें आती रहीं. यहां करीब 8 लाख की आबादी है और 13,000 छोटे धंधे हैं.
अनुमान है कि प्रोजेक्ट को पूरा करने में 23,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. ये एक सरकारी एजेंसी द्वारा ग्लोबल टेंडरिंग के जरिए सबसे बड़े पुनर्विकास कार्यों में से एक होगा.
महाराष्ट्र सरकार ने पूरे इलाके को अनडेवलप्ड एरिया के तौर पर नोटिफाई किया है और एक स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी बनाई है. चयनित पार्टनर को एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाना होगा, जिसमें 80% इक्विटी या 400 करोड़ रुपये होंगे. वहीं महाराष्ट्र सरकार के पास 20% इक्विटी या 100 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी होगी.
SPV के जरिए योग्य झुग्गीवासियों को मुफ्त मकान दिए जाएंगे, साथ ही नीलामी की शर्तों में उल्लिखित सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
1997 में पहली योजना का खाका
इस योजना में झुग्गी बस्ती में रहने वालों को घर देने का प्लान पहली बार 1997 में आर्किटेक्ट मुकेश मेहता ने बनाया गया था. इस दिशा में काम होना पहली बार साल 2003-04 में शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने धारावी को एक इंटिग्रेटेड टाउनशिप के तौर पर डेवलप करने का प्लान बनाया. राज्य सरकार ने इसके लिए एक्शन प्लान को फरवरी 2004 में मंजूरी दी थी.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी किए. पिछली बार इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में रद्द कर दिया था.