फेरा कानून के उल्लंघन के आरोप में समन को नजरअंदाज करने के चलते शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ दिल्ली की अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने दिसंबर 1995 में ब्रिटिश कंपनी बेनेट्टन फॉर्मूला लिमिटेड को दो लाख डॉलर भेजने के आरोपों के मद्देनजर माल्या को नोटिस जारी किया था. अदालत ने कहा कि माल्या में देश के कानून के प्रति सम्मान की कमी है और उनका भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, माल्या का यह दावा गलत और प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वाला है कि वह भारत लौटना चाहते हैं, लेकिन उनका पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया है.
माल्या ने विदेशों में अपने किंगफिशर ब्रांड को प्रमोट करने के लिए लंदन की इस कंपनी से करार किया था. माल्या ने लंदन और अन्य यूरोपीय देशों में 1996, 1997 और 1998 में होने वाली फॉर्मूला वन वर्ल्ड रेसिंग चैम्पियनशिप में किंगफिशर बीयर का लोगो प्रदर्शित करने के लिए दो लाख अमेरिकी डॉलर की राशि हस्तांतरित की थी.
इसके अलावा दिल्ली की अदालत ने 2012 में चेक बाउंस को लेकर दायर डीआईएएल की एक याचिका पर भी माल्या के खिलाफ एक और गैर जमानती वारंट जारी किया है.
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