अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर OCCRP (Organised Crime And Corruption Reporting Project) की ओर से लगाए गए आरोपों को मॉरीशस के फंड मैनेजर ने सिरे से नकार दिया है. मॉरीशस के फंड मैनेजर 360 वन एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए बताया है कि उसके फंड्स ने अदाणी ग्रुप में कोई निवेश ही नहीं किया है.
जॉर्ज सोरोस की OCCRP की रिपोर्ट को कई अखबारों ने छापा है, जिसमें फाइनेंशियल टाइम्स भी है. जिसमें कहा गया है कि मॉरिशस के दो इमर्जिंग फंड्स के जरिए अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश किया गया और वैल्युएशन को बढ़ाचढ़ाकर दिखाया गया.
अब मॉरीशस की ये एसेट मैनेजमेंट कंपनी खुद सामने आई है और उसने फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है.
एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि हम 31 अगस्त 2023 को फाइनेंशियल टाइम्स की छपी खबर पर अपना रुख साफ करना चाहते हैं. आगे लिखा गया, '360 वन एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (मॉरीशस), इमर्जिंग इंडिया फोकस्ड फंड (Emerging India Focus Fund) और EM रीसर्जेंट फंड (EM Resurgent Fund) के लिए इन्वेस्टमेंट मैनेजर है. इन दोनों फंड में अदाणी ग्रुप या मीडिया रिपोर्ट में दिए गए नामों में से कोई भी व्यक्ति निवेशक नहीं है. इन फंड्स का अदाणी ग्रुप में कोई भी निवेश नहीं है'.
फंड मैनेजर ने ये भी बताया कि अतीत में हमारे पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट के कुछ फंड का निवेश अदाणी ग्रुप के शेयरों में था जो 2018 में ही बेच दिया गया था.
अदाणी ग्रुप ने भी OCCRP के आरोप खारिज किए
अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने OCCRP (Organised Crime And Corruption Reporting Project) की ओर से लगाए गए सभी पुराने कथित आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. अदाणी समूह ने ये साफ कहा है कि विदेशी मीडिया के साथ मिलकर सोरोस-फंडेड गुटों की ग्रुप को बदनाम करने और शेयरों में गिरावट से मुनाफा कमाने की ये एक नई साजिश है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से हवा देने की कोशिश
अदाणी ग्रुप की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि 'ये न्यूज रिपोर्ट सोरोस-फंडेड विदेशी मीडिया के एक वर्ग की ओर से तर्कहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से जिंदा करने की एक कोशिश मालूम होती है. दरअसल, यही उम्मीद थी, जब पिछले हफ्ते मीडिया ने यही आशंका जताई थी...'
अदाणी ग्रुप ने कहा कि OCCRP ने जो आरोप लगाए हैं, वो एक दशक पहले के बंद हो चुके मामलों पर आधारित हैं, जब DRI ने ओवर इनवॉयसिंग, विदेश में फंड ट्रांसफर, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन और FPI के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी'
ओवर वैल्युएशन के आरोप पहले ही खारिज
अदाणी ग्रुप ने कहा कि एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक एपीलेट ट्रिब्यूनल दोनों ने पुष्टि की है कि वैल्युएशन को बढ़ाचढ़ाकर नहीं दिखाया गया था और ट्रांजैक्शन लागू कानून के मुताबिक ही थे. सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी ग्रुप के पक्ष में फैसला सुनाया था और मामला मार्च 2023 में बंद कर दिया गया था.