NCLAT ने जेट एयरवेज की ओनरशिप जालान-कैलरॉक कंसोर्शियम को ट्रांसफर करने को दी मंजूरी

आपको बता दें कि NCLT ने मुरारी लाल जालान और कैलरॉक कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी थी, इस फैसले के खिलाफ स्टेट बैंक की अगुवाई में कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने NCLAT में अपील की थी.

Source: Reuters

नेशनल कंपनी लॉ एपिलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मंगलवार को जेट एयरवेज का नियंत्रण जालान कैलरॉक कंसोर्शियम (Jalan Kalrock Consortium) को ट्रांसफर करने पर अपनी मंजूरी दे दी.

NCLAT ने SBI की याचिका खारिज की

आपको बता दें कि NCLT ने मुरारी लाल जालान और कैलरॉक कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी थी, इस फैसले के खिलाफ स्टेट बैंक की अगुवाई में कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने NCLAT में अपील की थी. उसके बाद NCLAT ने अपना फैसला सुनाया है. NCLAT ने स्टेट बैंक की याचिका को खारिज कर दिया है.

मंजूर किए गए प्लान के तहत पहली किस्त 150 करोड़ रुपये को एडजस्ट किया जाना है. इसमें शामिल सभी पक्षों को अगले 90 दिनों के भीतर योजना को लागू करने का निर्देश दिया गया है.

इससे पहले, जालान-कैलरॉक कंसोर्शियम ने जेट एयरवेज के NCLT-अप्रूव्ड ओनरशिप के संबंध में NCLAT से सफाई मांगी थी. कंसोर्शियम ने तर्क दिया था कि कि उसके पास एक रेजोल्यूशन प्लान था, लेकिन कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स या लेनदारों की समिति, खास तौर पर SBI, कई जगहों पर पर मुकदमेबाजी शुरू करके कामकाज को शुरू करने में रुकावट डाल रही थी.

इसके जवाब में, SBI का कहना था कि कंसोर्शियम ने वित्तीय रूप से संकटग्रस्त एयरलाइन में कोई पूंजी नहीं डाली थी. और ओनरशिप ट्रांसफर के लिए पहले की शर्तों को पूरा नहीं किया था. SBI ने तर्क दिया कि मंजूर किया गया रेजोल्यूशन प्लान व्यवहारिक नहीं था और एयरलाइन को फिर से खड़ा करने के लिए काफी नहीं होगा.