उबर पर कंपटीशन दबाने का आरोप, NCLAT ने भेजा नोटिस

मेरु ने 2015 में CCI का दरवाजा खटखटाया था. उसका आरोप था कि उबर ने 2014 और 2017 के बीच ऐसे ऑफर पेश किए जो बाजार में कंपटीशन को खत्म करने वाले थे.

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नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने बुधवार को उबर टेक्नोलॉजीज (Uber) और कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को नोटिस जारी किया है. NCLAT ने ये नोटिस रेडियो टैक्सी कंपनी मेरु (Meru) की ओर से दायर अपील पर जारी किया है. मेरु ने 2015 में CCI का दरवाजा खटखटाया था. उसका आरोप था कि उबर ने 2014 और 2017 के बीच ऐसे ऑफर पेश किए जो बाजार में कंपटीशन को खत्म करने वाले थे.

उबर ने दिए भारी डिस्काउंट

मेरु ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के सामने इस बात को रखा कि उबर ने अपने ग्राहकों को भारी डिस्काउंट ऑफर किए, जिससे बाजार में उसके कंपटीशन में मौजूद कंपनियों पर बुरा असर पड़ा. उसने ये आरोप भी लगाया कि इससे उबर की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों का कोराबार घट गया और कुछ कंपनियां तो बंद होने की कगार पर पहुंच गईं.

बेंच ने इस बात का जिक्र किया कि 2014 और 2017 के बीच, उबर नई कंपनी थी और शुरुआत में उसका डिस्काउंट देना सही था. हालांकि मेरु की अपील और इस बात पर गौर करते हुए कि इससे दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर बुरा असर पड़ रहा है, बेंच ने उबर और CCI को नोटिस जारी किया है.

मेरु CCI के सामने क्यों गया?

इससे पहले मेरु ने CCI के सामने भी ये बात रखी थी कि उबर अपने कंपटीशन को मात देने के लिए गलत तरीके अपना रही है. उसका दावा था कि दिल्ली-NCR में उबर के पास किसी दूसरी टैक्सी सर्विस से बहुत ज्यादा संसाधन हैं.

मेरु ने दावा किया था कि उबर अपनी सस्ती कीमतों और डिस्काउंट के जरिए ग्राहकों को अपने पर निर्भर कर रही है, जिससे वो बाजार में शीर्ष पर पहुंच गई है.

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