नोएडा के जेवर में तैयार हो रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पहली पैसेंजर फ्लाइट अगले साल अप्रैल में उड़ान भरेगी. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) के CEO क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने NDTV Profit से बातचीत में ये दावा किया. इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का काम पूरा होने पर ये देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा.
उन्होंने NDTV प्रॉफिट को बताया, 'हम इस साल के अंत तक एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे. कैलिब्रेशन फ्लाइट्स और वैलिडेशन प्रोसेस दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है, जबकि अप्रैल 2025 के अंत तक कमर्शियल ऑपरेशन शुरू होने वाला है.'
क्या-क्या काम हुए, क्या है बाकी?
नोएडा एयरपोर्ट की ओर से शेयर किए गए अपडेट्स के अनुसार, रनवे पर डामर का काम पूरा हो गया है.
रनवे मार्किंग, एप्रोच लाइट और एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग पर काम जारी है.
फेसिंग साइड और छत पर काम चल रहा है, जबकि बैगेज हैंडलिंग सिस्टम का इंस्टाॅलेशन भी पूरा होने वाला है.
फ्लाइट्स फ्यूलिंग सर्विसेज, ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सहित प्रमुख एयरो कंसेशंस पर काम पूरा हो गया है.
रिटेल, डाइनिंग, लाउंज, ड्यूटी-फ्री और होटल के लिए नॉन-एयरो कंसेशंस पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं.
चेक-इन कियोस्क, सेल्फ-सर्विस बैग ड्रॉप और ई-गेटकी टेस्टिंग की जा रही है.
एयरफील्ड लाइटिंग, पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसे ऑपरेशनल और मेंटेनेंस सर्विसेज के लिए एग्रीमेंट्स पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं.
शुरू होने में क्यों हो रही देरी?
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर 2 साल पहले कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज शुरू हुई हैं. इस बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट का कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट आगे तो बढ़ रहा है, लेकिन ऑपरेशन शुरू होने का टारगेट थोड़ा लंबा खिंच गया है.
एयरपोर्ट का पहला चरण इस साल सितंबर से चालू होना था, लेकिन ग्लोबल सप्लाई चेन की समस्याओं के बीच स्ट्रक्चरल स्टील और अन्य उपकरणों जैसे कच्चे माल की डिलीवरी में देरी के कारण कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज प्रभावित हुईं.
स्ट्रक्चरल स्टील की सप्लाई एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन अपने पार्टनर्स टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ मिलकर हम इनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.क्रिस्टोफ श्नेलमैन, CEO, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
दिल्ली एयरपोर्ट का विकल्प
दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर स्थित, ये NCR यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का एक विकल्प साबित होगा.
एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा, जिसकी क्षमता सालाना 1.20 करोड़ यात्रियों की आवाजाही संभालने की होगी. चारों चरणों का काम पूरा होने पर ये क्षमता 7 करोड़ यात्रियों तक की हो जाएगी.
इंडिगो और अकासा के साथ एग्रीमेंट्स
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) ने फ्लाइट कनेक्शन, नेटवर्क प्लान और ऑपरेशनल जरूरतों के लिए इंडिगो और अकासा के साथ एग्रीमेंट्स पर भी हस्ताक्षर किए हैं. CEO ने कहा, 'हमने अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कैरियर्स के साथ बातचीत जारी रखी है.'
एयरपोर्ट का विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कर रही है, जो ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (AG) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए कंसेशन पीरियड अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ है और ये 40 वर्षों तक चलेगा.