प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100 स्मार्ट सिटी बनाने की योजना अब निर्णायक दौर में है। शहरी विकास मंत्रालय ने देश के अलग-अलग इलाकों में स्मार्ट सिटी विकसित करने के लिए मापदंड तय करना शुरू कर दिया है और जल्दी ही स्टेकहोल्डर्स 100 स्मार्ट सिटी की पहचान की जाएगी।
एनडीटीवी इंडिया संवाददाता हिमांशु शेखर से खास बातचीत में शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जहां-जहां मेट्रो या बड़े शहर हैं, उनके आसपास एक सैटेलाइट टाउन को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा सकता है। कुछ अहम छोटे शहरों को भी स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल सकता है। वेंकैया नायडू ने यह भी इशारा किया कि जहां-जहां राज्य़ों की नई राजधानी बनाई जा रही है, जैसे नया रायपुर, विजयवाड़ा और गुंटूर आदि, उन शहरों को भी स्मार्ट सिटी के दायरे में शामिल किया जा सकता है।
साथ ही, जहां दो बड़े शहरों के बीच में जगह खाली है उन इलाकों को भी स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा सकता है।
हालांकि, शहरी विकास मंत्री ने माना कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा और किसी भी इलाके को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने में 10 से 15 साल का वक्त लग सकता है। इन इलाकों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विकसित किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जिन शहरी इलाकों को शामिल किया जाएगा वहां 24 घंटे बिजली और पानी की व्यवस्था होगी, शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं होंगी, साइबर−कनेक्टिवीटी और ई-गवर्नेन्स की सुविधा होगी, हाईटेक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बहाल किया जाएगा और नालियों और कचरा निबटान का सौ फ़ीसदी इंतज़ाम होगा।