रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (Religare Enterprises) में चल रहा मौजूदा विवाद जारी है. कई मुद्दों पर विवादों के चलते चर्चा में बनी हुई कंपनी में रश्मि सलूजा (Rashmi Saluja) की निदेशक के रूप में फिर से नियुक्ति को लेकर विरोध नहीं थम रहा. अब तीन और प्रॉक्सी फर्मों ने रश्मि सलूजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
तीनों फर्मों ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के निदेशक के रूप में रश्मि सलूजा की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ मतदान की सलाह दी. इन फर्मों ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस से जुड़ी चिंताएं उठाई है. SES, IiAS और इनगवर्न रिसर्च ने सलूजा के खिलाफ वोटिंग की अपील की है.
मंगलवार से वोटिंग, शुक्रवार को AGM
SES, IiAS और इनगवर्न रिसर्च ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के तीन प्रस्तावों पर सिफारिशें जारी की है. बता दें कि वोटिंग मंगलवार से शुरू होगी, जबकि शुक्रवार को कंपनी की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) होगी, जिसके बाद नतीजे आएंगे.
रश्मि सलूजा की हाईकोर्ट में अर्जी
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने निदेशक पद से उन्हें हटाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी है, जिसमें कहा गया है कि उनकी नियुक्ति फरवरी 2028 तक वैध है. सात फरवरी को AGM में रेलिगेयर सलूजा की जगह नए निदेशक की नियुक्ति का प्रस्ताव लाने जा रही है, जो रोटेशन के हिसाब से रिटायर होगा. सलूजा ने कोर्ट से प्रस्ताव के खिलाफ आदेश देने की मांग की है. सलूजा की दलील है कि ये प्रस्ताव कंपनी अधिनियम 2013 का उल्लंघन है और 9 दिसंबर 2024 के RBI के निर्देशों के विपरीत है और उनके कॉन्ट्रैक्ट राइट्स का उल्लंघन करता है.
कंट्रोल को लेकर संघर्ष
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज पर कंट्रोल को लेकर संघर्ष चल रहा है, जिसमें सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बर्मन परिवार है. अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बर्मन का ऑफर फॉर सेल 27 जनवरी को खुली है जो 7 फरवरी को बंद होगी. बर्मन को हालांकि शुरुआती अर्जी में पक्षकार नहीं बनाया गया है. लेकिन उनके वकील ने कहा कि ये याचिका विचार योग्य नहीं है.