जून में खुदरा महंगाई दर मई के 4.31 प्रतिशत से बढ़कर 4.81 फीसदी हुई

भारत की वार्षिक खुदरा महंगाई जून में पिछले महीने (मई) के 4.31 प्रतिशत से बढ़कर 4.81 फीसदी हो गई. बुधवार को सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई. सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण चार महीने की नरमी टूट गई.

प्रतीकात्मक फोटो.

भारत की वार्षिक खुदरा महंगाई जून में पिछले महीने (मई) के 4.31 प्रतिशत से बढ़कर 4.81 फीसदी हो गई. बुधवार को सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई. सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण चार महीने की नरमी टूट गई.

खाद्य मुद्रास्फीति कुल कंज्यूमर प्राइज बास्केट का लगभग आधा हिस्सा है, यह मई में संशोधित 2.96% के मुकाबले बढ़कर 4.49% हो गई.

उत्तर भारत में अनियमित और लगातार बारिश से आने वाले महीनों में सब्जियों की कीमतें और बढ़ सकती हैं. जून में महीने-दर-महीने के आधार पर सब्जियों की कीमतें 12% बढ़ीं.

हालांकि मुद्रास्फीति भारतीय रिज़र्व बैंक के 6 प्रतिशत से नीचे के कंफर्ट लेबल के भीतर बनी हुई है. सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे. केंद्रीय बैंक अपने द्विमासिक मौद्रिक नीति निर्णय पर पहुंचने के लिए मुख्य रूप से सीपीआई को ध्यान में रखता है. अगला पॉलिसी रिव्यू अगले महीने की शुरुआत में होना है.

पिछले महीने रिज़र्व बैंक ने नीतिगत दरों को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था और चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. जून तिमाही में मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत आंकी गई थी.

लेखक NDTVKhabar News Desk