उर्जित पटेल का नाम आरबीआई गवर्नर के तौर पर ऐलान होने के बाद रुपए में कमजोरी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के नाम का ऐलान होने के बाद आज सोमवार को भारतीय बॉन्ड्स और रुपए की कीमत तेजी से गिर गई. दरअसल निवेशकों ने इस ऐलान को केंद्रीय बैंक के रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान अपनाई गई नीति के जारी होने के संकेत के तौर पर लिया. यानी, निवेशकों की ओर से कयास लगाए गए कि निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती दूर की कौड़ी होगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गवर्नर के तौर पर उर्जित पटेल के नाम का ऐलान होने के बाद आज सोमवार को भारतीय बॉन्ड्स और रुपए की कीमत तेजी से गिर गई. दरअसल निवेशकों ने इस ऐलान को केंद्रीय बैंक के रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान अपनाई गई नीति के जारी होने के संकेत के तौर पर लिया. यानी, निवेशकों की ओर से कयास लगाए गए  कि निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती दूर की कौड़ी होगी.

रुपया करीब 1 महीने के निचले स्तर पर देखा गया. यह प्रति डॉलर 67.17/67.18 के स्तर पर देखा गया. जबकि यह पिछले सेशन में 67.07 पर बंद हुआ था. उर्जित पटेल जोकि फिलहाल आरबीआई के डिप्टी गवर्नर हैं, को चार सितंबर को रघुराम राजन के बतौर गवर्नर रिटायर होने के बाद इस पद को संभालना है. वह राजन की नीतियों व कार्यप्रणाली के लिहाज से देखें तो सबसे ज्यादा करीब माने जाते हैं. निवेशकों को लगता है कि वह आरबीआई की अगली पॉलिसी रिव्यू मीट में वर्तमान रेपो रेट को कायम रखेंगे. अगली बैठक 4 अक्टूबर को होनी है. जुलाई में मुद्रास्फीति बढ़कर 6.07 फीसदी हो गई थी, इसके बाद आरबीआई ने इसे 5 फीसदी करने का लक्ष्य रखा.

पटेल ने उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने मॉनिटरी पॉलिसी को लेकर किए गए महत्वपूर्ण बदलावों की सिफारिश की थी. थोक मूल्यों की जगह खुदरा मूल्यों को महंगाई का नया मानक बनाए जैसे अहम बदलाव की सिफारिश भी इसी समिति ने की थी. सिंगापुर में अबरदीन असेट मैनेजमेंट एशिया लिमिटेड के सीनियर इन्वेस्टमेंट मैनेजर कीनथ अकिंतेवे ने कहा- सभी निवेशकों, चाहे वह विदेशी हों या घरेलू, को यह जान लेना चाहिए कि मौजूदा नीति जारी रहने वाली है.

लेखक Reuters