बजट पर निर्भर करेगी रुपये की चाल : विशेषज्ञ

वैश्विक संकेत, बजट प्रस्ताव और जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के नतीजे ही आने वाले हफ्तों में रुपये की चाल तय करेंगे। शनिवार को विशेषज्ञों ने ऐसा कहा। मुद्रा विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल सबसे ज्यादा बजट पर निर्भर करेगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर

वैश्विक संकेत, बजट प्रस्ताव और जी 20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक के नतीजे ही आने वाले हफ्तों में रुपये की चाल तय करेंगे। शनिवार को विशेषज्ञों ने ऐसा कहा। मुद्रा विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये की चाल सबसे ज्यादा बजट पर निर्भर करेगी।

केंद्रीय बजट 2016-17 सोमवार को संसद में पेश किया जाएगा। इससे न सिर्फ रुपये की चाल तय होगी, बल्कि शेयर बाजार की चाल पर भी इसका असर होगा।

कोटक सिक्यूरिटीज के करेंसी डेरिवेटिव्स के उपाध्यक्ष अनिंद्य बनर्जी ने आईएएनएस को बताया, "अल्पकाल में रुपये में कमजोरी देखने को मिलेगी। लेकिन केंद्रीय बजट रुपये को मजबूती दे सकता है।"

बनर्जी बताते हैं कि वित्तीय घाटे के लक्ष्य और पूंजीगत व्यय के मद में फंड के आवंटन पर ट्रेडर्स नजर रखे हुए हैं।

बनर्जी कहते हैं, "यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बजट में अनुमानित वित्तीय घाटा लक्ष्य कितना है और खर्च की सीमा कितना तय किया जाता है।"

इसके अलावा निवेशकों की नजर बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर भी है। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार खर्च बढ़ाएगी, कर छूट की घोषणा करेगी और बैंकों के नाम परफार्मिग एसेट्स (एनपीए) के कम करने का रास्ता बनाएगी।

वहीं, कुछ मुद्रा विश्लेषकों का कहना है कि चीन के शंघाई में चल रहे दो दिवसीय जी20 सम्मेलन के नतीजे भी रुपये की चाल पर असर डालेंगे।

हफ्तावार आधार पर 26 फरवरी को डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे कमजोर होकर 68.62 प्रति डॉलर रहा। जो कि 18 फरवरी को 68.47 प्रति डॉलर था।

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई (फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशक) ने 22 से 26 फरवरी के दौरान 6,763 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर बाजार से हाथ खींच लिए। इसी अवधि में शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बाजार से 3,841.63 करोड़ रुपये निकाले हैं।

जियोफिन कॉमट्रेड के मुख्य मुद्रा रणनीतिकार हेमल दोषी का कहना है, "डॉलर के मुकाबले रुपया 68.80/85 के स्तर पर बना रहेगा। अगर यह गिरकर 68.85 के स्तर से भी ऊपर चला जाता है तो यह 69.20/30 प्रति डॉलर के स्तर तक गिर जाएगा।"

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)