सहारा ग्रुप पर सेबी ने बड़ी कार्रवाई की है, मार्केट रेगुलेटर ने ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डेबेंचर्स (OFCD) जारी करने में रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन के मामले में सहारा ग्रुप की एक कंपनी और उसके प्रमुख सुब्रत रॉय और अन्य अधिकारियों से 6.42 करोड़ रुपये की वसूली के लिए उनके बैंक और डीमैट खाते जब्त करने का आदेश दिया है.
सहारा ग्रुप पर सेबी की कार्रवाई
सेबी ने अपने कुर्की के आदेश में कहा है कि OFCDS जारी करने में सहारा ग्रुप से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ जब्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है - सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव के खिलाफ 6.42 करोड़ रुपये की वसूली की कार्यवाही में ब्याज, सभी लागत, शुल्क और खर्च शामिल हैं.
क्या है मामला?
जून 2022 में SEBI ने सहारा ग्रुप लिए आदेश जारी किया था. इस आदेश में सहारा ग्रुप की फर्म सहारा इंडिया रियल एस्टेट, सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट और उसके चार प्रमुख अधिकारियों पर कुल 6 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. ये जुर्माना साल 2008-2009 में OFCDS जारी कर निवेशकों से पैसे जुटाने के मामले में लगाया था.
SEBI ने कहा था कि ये डिबेंचर और नियमों के मानक के खिलाफ है. SEBI के मुताबिक सहारा ग्रुप की दोनों कंपनियों ने OFCDS के लिए सब्सक्रिप्शन आम जनता के लिए मंगाई गई थीं और इसमें नियमों की अनदेखी की गई थी.
डी-मैट, बैंक खातों से निकासी पर लगी रोक
SEBI ने नोटिस में सभी बैंकों, डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड यूनिट्स को निर्देश दिया है कि वे किसी के भी डीमैट खातों से निकासी की मंजूरी न दें. हालांकि, इन लोगों को अपने खातों में जमा करने की छूट होगी. इसके अलावा सभी बैंकों को इन डिफॉल्टरों के खातों के अलावा लॉकर को भी जब्त करने को कहा है.